Dehradun Residents Suffer Due to Overflowing Drains and Poor Waste Management बोले देहरादून : सीमाद्वार के शास्त्री नगर में नाला बना लोगों की परेशानी, Dehradun Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttarakhand NewsDehradun NewsDehradun Residents Suffer Due to Overflowing Drains and Poor Waste Management

बोले देहरादून : सीमाद्वार के शास्त्री नगर में नाला बना लोगों की परेशानी

देहरादून के शास्त्री नगर फेस 2 के निवासी वर्षों से बहते गंदे नाले और कूड़े की समस्या से परेशान हैं। यहां की नालियों में गंदा पानी भरने से घरों में पानी घुस जाता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनTue, 18 March 2025 08:06 PM
share Share
Follow Us on
बोले देहरादून : सीमाद्वार के शास्त्री नगर में नाला बना लोगों की परेशानी

देहरादून के सीमाद्वार से सटे क्षेत्र शास्त्री नगर फेस दो के लोग कई वर्षों से बह रहे गंदे नाले और बढ़ते कूड़े करकट के ढेर से परेशान हैं। इस वजह से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। क्योंकि बहता हुआ नाला घर के पास से गुजरते हुए मोहल्ले की नालियों से जुड़ा है। जिसमें हाल ही में एक बुजुर्ग महिला गिरकर गंभीर रूप से चोटिल हो गई थीं। प्रस्तुत है दीपिका गौड़ की रिपोर्ट...

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले देहरादून अभियान के तहत सीमाद्वार से सटे क्षेत्र शास्त्री नगर के लोगों से बात की। इसमें स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याओं का जिक्र करते हुए बताया कि शास्त्री नगर समस्याओं का जंजाल बन चुका है। यहां रहने वाले लोगों को हर दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि ऊपर एक बड़ा नाला है, जो एशियन स्कूल के नीचे से आता है। आशीर्वाद एन्क्लेव, इंजीनियर एन्क्लेव, नया गांव, कांवली, बसंत बिहार और बल्लीवाला से यहां पर ढाल होने के कारण नाले का पानी आ रहा है, जो नाली के साथ घरों में घुस रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ा रहा है। इस कारण नालियां ओवरफ्लो हो गई हैं और गंदा पानी रास्ते में बहने के साथ घरों में घुसकर लोगों की परेशानी बढ़ा देता है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों ने बताया कि पीने के पानी में गटर का पानी मिलकर आ रहा है। गटर के पानी के साथ कीड़े भी आ रहे हैं। इसलिए मजबूरन लोगों को पानी खरीदकर लाना पड़ता है।

हफ्ते में एक दिन कूड़े की गाड़ी मोहल्ले में आती है, जिससे सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है। आगे वह बताते हैं कि यहां के लोग नाले के बहने या नाले में कूड़ा होने से ही परेशान नहीं हैं, बल्कि ऊपर से बहकर आने वाला गंदा नाला सभी के घरों के पास की नाली से जोड़ा गया है, जिसे कुछ लोगों ने अपने घरों के सामने हादसे के डर से ऊपर से ढक दिया है, लेकिन कभी-कभी निगम के कर्मचारी नाले की सफाई के लिए आते हैं और नाले को खोदकर आधी सफाई करके छोड़कर चले जाते हैं, जिससे कई बार लोग गिरकर बुरी तरह से चोटिल हो चुके हैं। वार्ड 41 की पार्षद क्षेत्र के स्थानीय लोगों की तकलीफ को समझने की कोशिश भी नहीं करतीं और शिकायत करने पर फोन बंद करके पल्ला झाड़ते हुए दुर्व्यवहार करती हैं, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं और नालियों को चौड़ा करके अंडरग्राउंड करने की मांग कर रहे हैं।

सुझाव

1. वार्ड 40 और 41 को एक किया जाए, इससे विकास कार्य आसानी से हो सकेंगे।

2. घरों के आगे की नालियों को चौड़ा करके अंडरग्राउंड किया जाना चाहिए।

3. नाले में कूड़ा डालने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

4. निगम को कूड़े की गाड़ियों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

5. क्षेत्र में पुलिस की गश्त होनी चाहिए। इससे चोरी की घटनाओं पर भी लगाम लगेगा और लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।

शिकायतें

1. निगम की गाड़ी कूड़ा उठाने के लिए हफ्ते में एक दिन आती है।

2. नाले का गंदा पानी घरों में भरने से सामान खराब हो जाता है।

3. घरों में आने वाला पानी सीवर के पानी के साथ मिलकर आ रहा है।

4. वार्ड 41 की पार्षद कभी भी क्षेत्र के लोगों की समस्या नहीं सुनतीं और शिकायत करने पर फोन बंद करके बैठ जातीं हैं।

5. निगम के कर्मचारी घरों के आगे की नालियों को खुला छोड़कर चले जाते हैं, जिसमें गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं।

नालियों में गंदगी से रहता है सड़कों पर पानी

देहरादून के शास्त्री नगर फेस 2 में जल निकासी की समस्या भी काफी बढ़ गई है। बारिश के मौसम में नाले और गटर पूरी तरह से भर जाते हैं, जिसके कारण सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। नालियों में गंदगी जमा होने से पानी की सही ढंग से निकासी नहीं हो पाती, और घरों में पानी घुसने की समस्या उत्पन्न होती है। यह न केवल रहवासियों के लिए परेशानी का कारण बनता है, बल्कि इलाके की सफाई और स्वच्छता को भी प्रभावित करता है। जल निकासी व्यवस्था में सुधार के लिए उचित नालों का निर्माण और नियमित सफाई की आवश्यकता है।

गंदा पानी सड़क के साथ घरों-दुकानों में भरता है

स्थानीय निवासियों ने बताया कि वैसे तो यहां क्षेत्र में सीवर डाले गए हैं, लेकिन जब घरों में पानी भरता है तो सीवर से भी पानी की निकासी नहीं हो पाती है, जिस कारण घरों और दुकानों में कई दिनों तक पानी भरा रहता है। क्योंकि यहां की नालियां भी ओवरफ्लो हो जाती हैं। उस समय तो इंसान न सड़क पर चल सकता है न घर में रह सकता है और छोटे बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं।

पानी आने का कोई निश्चित समय नहीं है

स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां पानी बहुत कम आता है, जिससे घर के कामकाज में कई तरह की दिक्कतें होती हैं। ऊपर से यहां पानी का कोई समय भी निश्चित नहीं है, जिससे लोग नहीं जान पाते कि पानी कब आता है और कब जाता है। यहां रहने वालों को पानी भरने और उसकी जरूरतों को पूरा करने में काफी दिक्कतें आती हैं। लोगों ने कहा कि पानी की लाइन को ठीक किया जाए और पानी का नियमित समय होना चाहिए।

हफ्ते में सिर्फ एक दिन ही आती है कूड़े की गाड़ी

स्थानीय लोगों का कहना है कि वैसे भी वे लोग यहां नाले और घरों के पास कचरा फेंकने से परेशान हैं, ऊपर से निगम की गाड़ी भी कूड़ा उठाने के लिए सिर्फ एक दिन आती है। उसमें भी कूड़े की गाड़ी मोहल्ले का सारा कूड़ा नहीं उठाती है। शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। ऐसे में यहां पर कूड़ा-कचरा जमा होने से दुर्गंध आती रहती है। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानियां होती हैं।

आपराधिक गतिविधियों का भी लगा रहता है डर

स्थानीय महिला का कहना है कि यहां आए दिन चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। अभी कुछ दिन पहले वह शादी समारोह से लौट रही थीं, तो चोरों ने उनके गले से चेन लूट ली। जिसके कारण अब महिलाएं अकेले आने-जाने से परहेज करती हैं। उन्हें डर रहता है कि कोई उनका पर्स या पहने हुए जेवर चुरा कर न भाग जाए।

बोले लोग

शास्त्री नगर में रहते हुए हम लोग परेशान हो चुके हैं। विकास के नाम पर पार्षद ने वोट मांगे, लेकिन अब जब हम लोग परेशान हैं, तो उन्होंने हम जैसे वोट देने वालों को भूला दिया है। -जगदीश प्रसाद

पार्षद को जब क्षेत्र की जनता ने चुना है, तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए, हमारी समस्याओं को समझते हुए हल करना चाहिए, न कि मुंह मोड़ते हुए फोन बंद करना चाहिए। -सुनील शर्मा

बरसात में पानी सड़क पर भर जाता है। हम जैसे बुजुर्गों को सड़क पार करना भी मुश्किल हो जाता है। पार्षद को अपनी समस्या बता चुके हैं, लेकिन वह सुनने को राजी नहीं हैं। -बुद्धिमान गुरुंग

नाले की गंदगी से पहले ही हम लोग परेशान हैं। नाले में कूड़ा डालने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। कुछ निगम की गाड़ी को कूड़ा इसलिए नहीं देते कि उन्हें शुल्क देना पड़ेगा। -आरती ध्यानी

हम लोग गंदे नाले से परेशान हो चुके हैं। बरसात में गंदा पानी घरों के साथ दुकानों में भी भर जाता है और नालियों का पानी तो रात-दिन रास्तों पर पसरा रहता है। -रुद्र सिंह बिष्ट

घरों के आगे की नाली कूड़े से लबालब भरी हुई है। न तो निगम के कर्मचारी नालियों की सफाई करने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। हम लोगों का यहां रहना ही मुश्किल हो गया है। -रामेश्वरी भट्ट

यहां सबसे बड़ी समस्या हमारे यहां का नाला बन चुका है। नाले का गंदा पानी सड़कों पर इतना भर जाता है कि घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है और इस कारण कई बार बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं। -रामेश्वरी भट्ट

नाले में लोग ही नहीं, बल्कि सफाई कर्मी भी कूड़ा डालकर चले जाते हैं। ऊपर के मोहल्लों से सफाई करके, ठेले में कूड़ा भरकर यहां घर के किनारे के खुले नाले में डालकर चले जाते हैं। -सुनीता उनियाल

बरसात में नाला ऊफान पर जाता है, जिसके कारण नाले का गंदा पानी हमारे घरों में भर जाता है। पिछली बार तो हमारे घर का पूरा सामान खराब हो गया था। कई बार बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। लोग घरों में कैद हो जाते हैं। -उमा बिष्ट

पीने का पानी भी गंदा आता है। कहीं नाले का पानी भी पाइप लाइन से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण पानी में गोबर की बदबू आती है। जब हम पानी का बिल देते हैं, तो हमें साफ पानी क्यों नहीं मिल रहा है? -सुलोचना मैंदोलिया

जैसे अन्य वार्ड में कूड़े की गाड़ियां आती हैं, वैसे यहां भी आनी चाहिए। कूड़ा उठाने की गाड़ियां नहीं आतीं, और पैसे इन्हें समय पर चाहिए होते हैं। जब निगम को टैक्स देते हैं, तो निगम हमें सुविधाएं भी दे। -नीलम बडोला

यहां कई लोगों ने अपने घरों पर किराएदार रखे हुए हैं और आधे से ज्यादा कूड़ा तो उनके किराएदार नाले में डालते हैं, क्योंकि नगर निगम की गाड़ी कूड़ा उठान का महीने का शुल्क लेती है। -सत्येश्वरी नेगी

नगर निगम और लोगों के सहयोग से होगी कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था

शास्त्री नगर फेस 2 में कूड़ा प्रबंधन भी एक गंभीर मुद्दा है। लोग कूड़ा इधर-उधर फेंकने की आदत से बाज नहीं आते, जिससे पूरे इलाके में गंदगी फैल जाती है। विशेष रूप से गलियों में कूड़े का ढेर लगा रहता है, और सफाई कर्मियों की कमी के कारण सफाई की स्थिति भी बेहद खराब हो जाती है। इसके कारण न केवल पर्यावरण की स्थिति बिगड़ रही है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। इस समस्या का समाधान केवल नागरिकों के सहयोग और नगर निगम द्वारा उचित कूड़ा निपटान व्यवस्था को बढ़ाकर किया जा सकता है।

शिकायत करने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचीं पार्षद

स्थानीय निवासी रेवती बिष्ट बताती हैं कि उनके घर के बाहर निगम के कर्मचारियों ने नाले को ऊपर से खोदते हुए गड्ढा किया था। उसके बाद भी नाले की सफाई नहीं की और कूड़े के साथ गड्ढे को खुला छोड़कर चले गए। जिसके बाद उन्होंने मजदूरों से सफाई करवाई। उन्होंने बताया कि सात मार्च को सब्जी लेने के लिए बाहर जा रही थीं और अनजाने में गड्ढे में गिरकर बुरी तरह घायल हो गईं, जिससे उन्हें गंभीर चोट आई और वह चलने में असमर्थ हो गईं। वार्ड 41 की पार्षद से शिकायत करने के बाद भी वह नहीं पहुंचीं और उन्हें कॉल करके शिकायत की गई तो उन्होंने अपना मोबाइल बंद कर दिया। रेवती बिष्ट का कहना है कि यहां नियमित सफाई होनी चाहिए।

मोहल्ले का गंदा पानी नाली के साथ घरों में घुस जाता है

स्थानीय निवासी कुसुम मैंदोलिया बताती हैं कि यहां नाले की समस्या कई वर्षों से है, मगर कुछ वर्षों से नाले में पानी का बहाव ज्यादा बढ़ गया है। ऊपर से नाले में कई मोहल्लों का गंदा पानी आता है। पानी का फ्लो ज्यादा होने के कारण सड़कों और नालियों के साथ पानी घरों में घुस जाता है। वह कई बार इसकी जानकारी स्थानीय पार्षद को दे चुकी हैं, लेकिन वह चुप्पी साधे रहती हैं और जनता की समस्याओं का कभी भी संज्ञान नहीं लेतीं। बताया कि चुनाव के समय क्षेत्र में पार्षद विकास के नाम पर वोट मांगने आई थीं और कई वादे करके गई थीं। लोगों ने विकास के नाम पर उन्हें वोट दिया, लेकिन अब वह जीतने के बाद विकास करना भूल गईं और क्षेत्र को भी भूल गईं।

पैसा खर्च करने के बाद भी लोग पानी खरीदने को विवश

स्थानीय निवासी बीना गुरुंग बताती हैं कि क्षेत्र में पीने के पानी की बहुत दिक्कत हो गई है और पीने के पानी में कीड़े आ रहे हैं। उनका कहना है कि गटर का पानी भी पीने के पानी में मिक्स हो कर आ रहा है। पानी से दुर्गंध और कालापन साफ झलक रहा है। ऐसा पानी कैसे पीये?, समझ नहीं आता। पैसे खर्च करके लोगों को बंद बोतल का पानी खरीदने को विवश हैं, कई बार तो टैंकर मंगवाना पड़ता है। पानी का बिल देने के बाद भी यही हाल है। इससे बढ़िया तो ग्रामीण क्षेत्र है, जहां इतना टैक्स तो नहीं देना पड़ता है। निगम में जब से क्षेत्र आया है, तो कई तरह के टैक्स दे रहे हैं, फिर भी कोई अच्छी सुविधा नहीं है। सबसे बड़ी समस्या यहां का नाला है। नाले की वजह से मोहल्ले के लोग परेशान हो चुके हैं।

नुकसान के नाम पर चेक बांटने से अच्छा है विकास हो

वार्ड 40 के पार्षद विनोद रावत बताते हैं कि लंबे समय से स्थानीय लोगों की मांग है कि ऊपर से बहने वाला नाला साफ किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनता वार्ड 40 और 41 को एक कराए जाने की मांग कर रही है, जिससे स्थानीय लोगों के काम होने में भी आसानी होगी। क्षेत्र में कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी चाहिए और नाले की सफाई होनी चाहिए, जिससे क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बनी रहेगी। पार्षद विनोद रावत कहते हैं कि हर साल नुकसान के नाम पर चेक बांटने से अच्छा है कि नाले की नियमित सफाई हो और क्षेत्रवासियों की समस्या हल हो। करोड़ों रुपये के चेक बांटने से अच्छा होगा कि जनता के बीच उनकी समस्याओं को सुना जाए।

बोले जिम्मेदार

देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल का कहना है कि नगर निगम की ओर से नदी नालों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। समस्त वार्डों में नालियों की सफाई का कार्य शुरू हो गया है। इसके अलावा संकरी गलियों के लिए अलग से 15 सफाई ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है। जरूरत के मुताबिक इनकी संख्या बढ़ाएंगे। जागरूकता अभियान चलाकर लोगों से अपील की जा रही है कि नदी नालों में कूड़ा डंप नहीं करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान भी किए जा रहे हैं। सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पार्षदों और लोगों से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं। अन्य विभागों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।