न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की जांच बंद करना लोगों के लिए घातक
हल्द्वानी में ब्लड की सुरक्षा के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (एनएटी) की जांच को बंद करने का मामला बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने एनएचएम के निदेशक को पत्र लिखकर जांच दोबारा शुरू करने की मांग की...

हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता ब्लड की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (एनएटी) की जांच को बंद करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। जांच दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशक को पत्र लिखा है। करीब डेढ़ साल पहले एनएचएम ने एसटीएच के ब्लड बैंक में एनएटी जांच शुरू की थी। इससे संक्रमित रक्त के उपयोग का जोखिम काफी कम हो जाता है। एनएटी जांच के लिए लगी मशीन का संचालन एनएचएम और एक निजी कंपनी के बीच पांच साल का अनुबंध था। लेकिन डेढ़ साल बाद ही एनएचएम ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को पत्र (मेल) भेजकर जांच बंद करने के निर्देश दे दिए हैं।
इधर जांच दोबारा शुरू करने के लिए ब्लड बैंक प्रभारी डॉ़ सलोनी उपाध्याय ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने जांच को बंद करना लोगों की सेहत के लिए घातक बताया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस जांच से हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी जैसे गंभीर संक्रमणों की मौजूदगी की तुरंत पहचान होती है। जिससे मरीज को संक्रमित रक्त चढ़ने के खतरे से बचाया जा सकता है। मामले की गंभीरता को समझते हुए प्राचार्य डॉ. जोशी ने एनएचएम के निदेशक को पत्र लिख कर जल्द दोबारा जांच शुरू करने का अनुरोध किया है।
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