चंद ने पहाड़ की संस्कृति, समस्याओं को कविताओं में उकेरा
थल। तड़ीगांव के पूर्व सैनिक भानी चंद (79) ने 'हम पहाड़ी' कविता संग्रह का विमोचन किया। इस संग्रह में उन्होंने पहाड़ी समाज की कुरीतियों, अंधविश्वास और पर्यावरण संरक्षण पर कविताएँ लिखी हैं। चंद ने 28 साल...
थल। तड़ीगांव के पूर्व सैनिक भानी चंद (79) की पुस्तक हम पहाड़ी कविता संग्रह को विमोचन हुआ। मंगलवार को चंद ने बताया कि उन्होंने अपने इस संग्रह में पहाड़ के समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास पर कविताओं के माध्यम से प्रहार करते हुए समाज को जागरूक करने कोशिश की है। इसके अलावा उन्होंने पहाड़ की संस्कृति, यहां के मंदिरों व मान्यतों को भी कविता का रूप दिया है। पर्यावरण का महत्व और संरक्षण पर भी आधारित कविताओं के जरिए चंद ने लोगों से पर्यावरण को बचाए रखने की अपील की है। चंद की इससे पूर्व भी चालीस कविताओं का संग्रह जागरण पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है।
वर्ष 1962 में हाईस्कूल करने के बाद चंद सेना में भर्ती हुए और 28 साल की सैन्य सेवा के बाद 1990 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद उन्होंने विभिन्न विषयों में कविता लेखन शुरू किया। सेवानिवृत्त सुबेदार मेजर पूरन सिंह भैसोड़ा, कुंवर सिंह मेहता, हरसिंह, अशोक चंद, निवर्तमान बीडीसी सूरज सिंह रावत, व्यापार मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सामंत आदि ने चंद को बधाई देते हुए कविता संग्रह की सराहना की है।
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