Rudraprayag s Belni Basti Faces Sewer Line Inactivity and Water Supply Issues बोल गढ़वाल : बेलनी मोहल्ले के लोगों को नहीं मिल रही सीवर लाइन की सुविधा, Rudraprayag Hindi News - Hindustan
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बोल गढ़वाल : बेलनी मोहल्ले के लोगों को नहीं मिल रही सीवर लाइन की सुविधा

रुद्रप्रयाग की बेलनी बस्ती में वर्षों पहले बिछाई गई सीवर लाइन बेकार पड़ी है। नालियों की सफाई न होने से जलभराव की समस्या बढ़ रही है। सार्वजनिक पेयजल की कमी और शौचालयों में सुविधाओं का अभाव लोगों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, रुद्रप्रयागMon, 14 April 2025 07:10 PM
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बोल गढ़वाल : बेलनी मोहल्ले के लोगों को नहीं मिल रही सीवर लाइन की सुविधा

रुद्रप्रयाग की बेलनी बस्ती क्षेत्र में वर्षों पूर्व बिछाई गई सीवर लाइन बेकार पड़ी हैं। सीवरलाइन को एक दूसरे से नहीं जोड़े जाने की वजह से इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है। इस कारण स्थानीय जनता परेशान है तो आश्चर्यजनक बात ये भी है कि कलक्ट्रेट और विकास भवन समेत दर्जनों सरकारी कार्यालयों के इस क्षेत्र में होने के बावजूद आज तक शोपीस बनी सीवरलाइनों को काम में नहीं लाया जा सका है। इतना ही नहीं जिस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में सीवर का ट्रीटमेंट किया जाना था, वो गंदे पानी के लिए ही आधे अधूरे रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण् स्थानीय लोग खासे परेशान हैं। रुद्रप्रयाग से बद्री नौटियाल की रिपोर्ट... गंगा और उसकी सहायक नदियों के साथ पर्यावरण की शुद्धता व स्वच्छता के मद्देनजर जहां सरकारों का फोकस नदियों के किनारे मौजूद बस्तियों से निकलते गंदे नालों और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स के माध्यम से तयशुदा मानक अनुसार शोधित किया जाना होता है वहीं बदरीनाथ केदारनाथ यात्रारूट के महत्वपूर्ण पड़ाव रुद्रप्रयाग में सरकारों के इस उद्देश्य का खुलेआम मजाक बना दिया गया है। इसका उदाहरण देखने को मिलता है लगभग 1600 की आबादी वाले बेलनी बस्तीक्षेत्र में जहां कलक्ट्रेट और विकासभवन समेत दर्जनों सरकारी कार्यालयों के माध्यम से सरकारी मशीनरी पूरे जिले को संचालित तो करती है लेकिन चिराग तले अंधेरे की कहावत भी यही सच साबित हुई दिखती है। दरअसल बेलनी क्षेत्र में स्थानीय जनता के साथ मुख्यत: सरकारी मशीनरी के मद्देनजर भी वर्षों पूर्व लाखों रूपये खर्च कर सीवरलाइन तो बिछा दी गई लेकिन उसके संचालन के प्रति इस कदर लापरवाही बरती गई कि वो वर्षों बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। ये हाल तब है जब इसी क्षेत्र में मौजूद कलक्ट्रेट और विकासभवन में डीएम और सीडीओ समेत तमाम आला अधिकारी रोज न केवल बैठते हैं बल्कि उनके सरकारी आवास भी यहीं मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लगता है कि जैसे उन्हें इसकी परवाह ही नहीं है।

खास बात यह भी है कि सीवरलाइन व्यवस्था के शुरू नहीं होने के कारण आम जनता बेहद परेशान है। ऐसा नहीं है कि केवल यही परेशानी हो बल्कि सड़क किनारे मौजूद नालियों व स्क्रबरों की सफाई नहीं होने से उनमें कचरा और मलबा जमा हो रखा है जिस कारण उनके चोक होने से जरा सी बारिश में ही इन नालियों का पानी सड़क पर बहने लगता है और फिर कई स्थानों पर जलभराव की वजह बनकर आम जनता के लिए सरदर्दी बन जाता है। इनकी देखरेख वैसे तो पीडब्ल्यूडी के साथ नगरपालिका को भी करनी चाहिए लेकिन जनता के प्रति जम्मिेदारी के भाव का अभाव आखिरकार जनता के लिए ही मुश्किलें पैदा कर रहा है। इस क्षेत्र में 100 से अधिक दुकानें भी हैं जिनके माध्यम से अपना व्यापार कर रहे व्यापारी भी इस कारण परेशान हैं। बेलनी बस्तीक्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल सुविधा की कमी तो लोगों को परेशान कर ही रही है लेकिन यहां बोलने को 2 शौचालय तो हैं लेकिन उनमें पानी समेत अन्य सुविधाएं नहीं होने से आखिरकार आम जनता ही दक्कितें झेल रही है। क्षेत्र में नगरपालिका द्वारा पार्किंग सुविधा विकसित नहीं करने से रास्तों के किनारों पर ही लोग मजबूरी में अपने वाहनों को खड़ा करते हैं जिस कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। नदीक्षेत्र वाले हिस्से में स्ट्रीटलाइट नहीं होने से लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे लोगों में खासा रोष है।

सीवरेज के लिए एसटीपी प्लांट तक नहीं

बेलनी बस्तीक्षेत्र में वर्षों पूर्व जनता के जिन लाखों रुपये को खर्च कर सीवरलाइन बिछाई गई, उसका संचालन नहीं होने से शोपीस बन जाना तो जनता के लिहाज से बेहद चिंताजनक और दुखद तो है ही इसके लिये जिला प्रशासन के साथ निर्माणदायी संस्था और जिम्मेदार विभाग भी है। हालांकि इसके बावजूद जनता को मूलभूत सुविधा देने के लिये मुख्यत: जिम्मेदारी नगरपालिका की लापरवाही और संवेदनहीनता भी कम नहीं है। ये बात सही है कि सीवरलाइन को बिछाने के साथ उसके संचालन का जिम्मा किसी और विभाग के पास है लेकिन नगरपालिका यदि वर्षों बाद भी सीवर सफाई लिये एक अदद वाहन को भी नहीं खरीद सके तो ताज्जुब होना लाजिमी है। दरअसल सीवरलाइन व्यवस्था के काम नहीं करने और आबादीक्षेत्र के इससे कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण फिलहाल लोगों ने अपने शौचालयों के लिए पिट तो बना रखे हैं लेकिन उनके भरने के बाद निस्तारण्स्ति के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है।

सड़क किनारे बनी सभी नालियां बहुत खराब

बेलनी क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की सड़क किनारे मौजूद नालियों की स्थिति भी बेहद खस्ताहाल है। कचरे और मलबे से भरी नालियों और रूद्रप्रयाग-पोखरी मोटरमार्ग पर बरसाती पानी की निकासी के लिये बने लगभग 4 स्क्रबरों के भी मलबे से चोक होने के कारण सामान्य दिनों के साथ जरा सी बारिश में ही पानी सीधे सड़कों पर बहने लगता है। इस वजह से कई स्थानों पर सड़क पर जलभराव होने से लोगों को आवाजाही में दक्कितों का सामना करना पड़ता है। इसी सड़क से प्रसद्धि कोटेश्वर और उमरानारायण मंदिर के लिये बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही भी होती है। चोक ड्रेनेज सिस्टम के कारण रास्तों पर बहते पानी से सड़कें तो खराब हो ही रही हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

सार्वजनिक पेयजल सुविधा की कमी

क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल सुविधा की कमी ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं। सार्वजनिक पेयजल सुविधा के नाम पर बोलने के लिये तो बेलनी क्षेत्र की शुरूआत में 1 नल लगा है लेकिन उसके बाद पूरे क्षेत्र में 1 भी पानी की टंकी, हैंडपम्प या नल की सुविधा नहीं है। ऐसे में कलक्ट्रेट, विकासभवन समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में अपने काम से पहुंचने वाले लोगों को, खासतौर पर पैदल आवाजाही करने वाले लोगों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ती हैं। गर्मियों में तो लोगों को अपने सूखे हलकों को तर करने के लिए पीने के पानी की सर्वाधिक आवश्यकता महसूस होती है लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। दूसरी तरफ नदीक्षेत्र से जुड़े इलाके में स्ट्रीटलाइटों के नहीं होने से भी लोग परेशान हैं।

बोले जिम्मेदार

रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग पर पूर्व में भी नाली निर्माण का कार्य किया गया। जन समस्या को देखते हुए जहां भी नाली से जुड़ी समस्या होगी उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जहां सड़क पर डामर उखड़ रहा है उसे समय-समय पर ठीक किया जाता है। जन समस्या का हर संभव समाधान किया जाएगा। -इन्द्रजीत बोस, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, रुद्रप्रयाग

बेलनी कस्बे में नालियों की नियमित सफाई हो रही है। पूर्व की स्थिति से वर्तमान में काफी बदलाव दिख रहा है। बंदरों से निजात दिलाया जा रहा है। रही सीवर ट्रीटमेंट की बात तो यह गंगा नियंत्रण इकाई श्रीनगर से जुड़ा मामला है। पालिका सीवर ट्रीटमेंट के लिए भी प्रशासन स्तर से वार्ता कर रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है। पेयजल सुविधा के लिए विभाग को बताया जाएगा। -संतोष रावत, अध्यक्ष, नगरपालिका, रुद्रप्रयाग

सुझाव

1. बेलनी क्षेत्र में वर्षों पूर्व बिछी सीवरलाइन को जल्द शुरू किया जाना चाहिए।

2. चोक नालियों और स्क्रबरों को खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाए।

3. क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल सुविधा के इंतजाम हों और मौजूद दो शौचालयों में सुविधाएं दी जाएं।

4. बस्तीक्षेत्र में क्षतग्रिस्त रास्तों की मरम्मत हो जिससे आवाजाही में आसानी हो।

5. जनसमस्या के मद्देनजर नगरपालिका सीवर सफाई वाहन की खरीद करे। नदी क्षेत्र वाले हिस्से में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं।

शिकायतें

1. क्षेत्र में वर्षों पूर्व बिछी सीवरलाइन को आज तक शुरू नहीं किया जा सका है जिससे दिक्कतें होती हैं।

2. कई स्थानों पर सफाई के अभाव में नालियां और स्क्रबर चोक हैं जिससे सड़कों पर होता है जलभराव।

3. सार्वजनिक पेयजल सुविधा का अभाव तो 2 शौचालयों में पानी समेत अन्य सुविधा नहीं होने से परेशानियां।

4. बस्ती क्षेत्र में मरम्मत के अभाव में कई रास्ते क्षतग्रिस्त पड़े हैं। इन पर आवाजाही में हो रही दिक्कतें

5. नगर पालिका के पास सीवर सफाई के लिए एक भी वाहन नहीं होने से दिक्कत होती है।

बोले लोग-

बेलनी में सबसे बड़ी समस्या सीवरेज की है। यहां वर्षों पूर्व लाइन तो बिछाई गई है किंतु आज तक सीवरेज की सुविधा नहीं मिल पाई है जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। नागेंद्रपाल बिष्ट।

बेलनी कस्बे में शौचालय की काफी परेशानी है। इतने बड़े इलाके में शौचालय की कमी है, जबकि पीने के पानी के लिए भी सार्वजिक नल लगने चाहिए ताकि सभी को सुविधाएं मिल सके।-संतोष कुंवर।

बेलनी कस्बे से ही जनपद के महत्वपूर्ण विभागों के लिए अफसरों की आवाजाही होती है। यह काफी पुराना क्षेत्र है किंतु यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है। पानी और शौचालय की समस्या है।-विकास नौटियाल।

बेलनी कस्बे में शौचालय तो हैं किंतु यहां पानी की समस्या बनी है। इस कारण स्थानीय के साथ ही यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। नालियों की भी नियमित सफाई की जानी चाहिए।-श्रीकृष्ण भट्ट।

बेलनी कस्बे में शौचालय के साथ ही पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए। वर्तमान में कहने के लिए दो शौचालय है किंतु दोनों में पानी की व्यवस्था नहीं है। पानी की टंकियों की भी कमी है।-किशोर कांडपाल।

इस कस्बे में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ ही किराए पर लोग रहते हैं। आबादी भी ठीक-ठाक है, ऐसे में नगर पालिका को बुनियादी सुविधाएं जुटाने के प्रयास करने चाहिए। -दिव्यांशु रावत।

कस्बे में कई जगहों पर रास्ते खराब हैं जहां मरम्मत की जानी चाहिए, जबकि नालियों की सही निकासी न होने से पानी सड़क पर जमा होता है। कई जगहों पर नाली की जालियां टूट गई हैं। -चन्द्रकांत गैरोला।

सड़क किनारे नाली में कई बार पानी का प्रवाह रुक जाता है। जिससे सड़क पर ही तालाब जैसी स्थिति देखने को मिलती है। मोहल्ना की नालियों की नियमित सफाई जरूरी है। -देव सिंह रावत।

बेलनी कस्बे में पीने के पानी के सार्वजनिक नल और शौचालय की बहुत जरूरत है। इस दिशा में काम होने से जनता को और भी लाभ मिलेगा। नालियों को भी ठीक किए जाने की जरूरत है। - परवद्रिं रावत।

बेलनी कस्बे में पार्किंग की समस्या है। कई बार इस सड़क पर पार्किंग न होने से जाम की स्थिति पैदा होती है। इसके साथ ही नालियों का निर्माण होना चाहिए जालियां लगनी चाहिए।-संतोष बिष्ट।

बेलनी में नालियों की बेहतर सफाई हो ताकि पानी सड़क पर न आए। इससे जहां पैदल चलने वालों को दिक्कतें होती हैं वहीं स्कूली छात्र-छात्राओं को भी बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। -अमित भंडारी।

यह कस्बा भौगोलिक स्थिति से भिन्न है इसलिए यहां की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप ही यहां सुविधाएं जुटाई जाएं। यहां खासकर सीवर और शौचालय की समस्या से लोग काफी परेशान हैं।-कार्तिक शुक्ला।

बेलनी मोहल्ले में दो शौचालयों की हालत खराब

बेलनी के आबादीक्षेत्र में शौचालयों की भी बुरी स्थिति है। इस क्षेत्र में 2 शौचालय तो हैं लेकिन इनके रखरखाव के प्रति नगरपालिका की लापरवाही के कारण आम जनता को ही परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। दोनों शौचालयों में 1 पुल के पास है जबकि दूसरा जलनिगम कार्यालय के पास है लेकिन दोनों में आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को दक्कितें उठानी पड़ रही हैं। जलनिगम कार्यालय के पास बने शौचालय की छत पर पानी की टंकी भी है और इससे शौचालय के अंदर पानी का कनेक्शन भी है लेकिन बात यह है कि इसके बावजूद भी शौचालय में पानी ही नहीं है।

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