ग्रामीणों की आय बढ़ाएगा पिरुल, वनाग्नि की घटनाओं पर भी लगेगी रोक
अपर यमुना वन प्रभाग में 2025 के वनाग्नि सीजन के दौरान स्थानीय ग्रामवासियों को वन पंचायतों के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष 37 वन पंचायतों में पिरुल एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिससे...

अपर यमुना वन प्रभाग, बड़कोट के अंतर्गत वनाग्नि सीजन 2025 के दौरान वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम के कार्यों में वन पंचायत के माध्यम से स्थानीय ग्रामवासियों को जोड़ा जा रहा है। जिसमें प्रभाग द्वारा इस वर्ष प्रथम चरण में 37 वन पंचायतों के माध्यम से पिरुल एकत्रीकरण का कार्य कराया जा रहा है, जिससे जहां वनाग्नि की घटनाओं में रोक लगेगी। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों के आय के साधन में भी बढ़ोतरी होगी। प्रभाग द्वारा पिरुल के लिए 10 रुपये प्रति किलो की दर से वन पंचायतों को भुगतान किया जाएगा, इससे स्थानीय ग्राम वासियों के आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी। प्रभागीय वनाधिकारी रविन्द्र पुण्डीर ने अवगत करते हुए बताया है कि इस वर्ष प्रभाग अंतर्गत लगभग 2000 कुन्तल पिरुल एकत्रीकरण किया जाएगा तथा वर्तमान में वन पंचायतों के माध्यम से स्थानीय जन-मानस की सहभागिता से पिरुल एकत्रीकरण कार्य प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
एकत्रित पिरुल के फॉरवर्ड लिंकेज के लिए निजी फर्म के साथ प्रभाग द्वारा अनुबंध किया गया है। वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से शासन स्तर प्राप्त दिशा निर्देशों के क्रम में इस वर्ष प्रथम चरण अंतर्गत 20 ग्रामों में वनाग्नि सुरक्षा प्रबंधन समितियों का गठन कर सम्बधित वन क्षेत्राधिकारी एवं उक्त समितियों के मध्य अनुबंध किया गया है। समितियों को वनाग्नि सुरक्षा के लिए क्षेत्र आवंटित किए गए हैं तथा समितियों को नियमानुसार प्रोत्साहन धनराशि दिये जाने का भी प्रावधान रखा जाएगा।
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