Papmochani Ekadashi Vrat on 25 March 2025 Know time and vrat paran samay क्या 25 मार्च को रखा जाएगा पापमोचिनी एकादशी व्रत? जानें मुहूर्त व व्रत पारण का समय, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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क्या 25 मार्च को रखा जाएगा पापमोचिनी एकादशी व्रत? जानें मुहूर्त व व्रत पारण का समय

  • Papmochani Ekadashi Vrat: इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने व पूजन करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 24 March 2025 10:47 AM
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क्या 25 मार्च को रखा जाएगा पापमोचिनी एकादशी व्रत? जानें मुहूर्त व व्रत पारण का समय

Papmochani Ekadashi Vrat: हर साल पापमोचिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। एकादशी के दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने व पूजन करने से पापों से मुक्ति मिलती है। जानें पापमोचिनी एकादशी व्रत कब है, पूजा विधि व व्रत पारण मुहूर्त-

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क्या 25 मार्च को रखा जाएगा पापमोचिनी एकादशी व्रत: इस साल पापमोचिनी एकादशी 6 और 7 मार्च, 2024 को मनाई जाएगी। दृक पंचांग के अनुसार, 25 मार्च के दिन 05:05 ए एम से एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, जो 07 मार्च के दिन 03:45 ए एम मिनट तक रहेगी। गृहस्त लोग 25 मार्च के दिन विजया एकादशी का व्रत रख सकते हैं। वहीं, वैष्णव संप्रदाय के श्रद्धालु 26 मार्च को एकादशी व्रत कर सकते हैं। जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं। भगवान विष्णु के भक्तों को दोनों दिन एकादशी व्रत करने की सलाह दी जाती है।

व्रत पारण का समय

26 मार्च को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 13:41 से 16:08

पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 09:14 ए एम

27 मार्च को, वैष्णव एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 06:17 से 08:45

पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।

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पूजा-विधि

  • स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
  • भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें
  • प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
  • अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
  • मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
  • संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
  • पापमोचिनी एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
  • पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
  • प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं
  • अंत में क्षमा प्रार्थना करें

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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