खत्म करो राज्यपाल का पद, राजभवन बन गए हैं भाजपा कार्यालय; सीपीआई ने क्यों उठाई यह मांग?
सीपीआई ने राज्यपाल के पद को खत्म करने की मांग उठाई है। भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने तमिलनाडु के मामले का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद राजभवन भाजपा कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा है। भाकपा राज्यपाल के पद समाप्त करने की मांग करती रही है।

भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बुधवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद राजभवन भाजपा कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां की सरकार को केंद्र सरकार राज्यपाल के माध्यम से परेशान कर रही है। तमिलनाडु के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि भाकपा राज्यपाल के पद समाप्त करने की मांग करती रही है। इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि राज्यपाल जानबूझकर तनाव पैदा करते हैं। इसलिए केंद्र सरकार राज्यपाल का पद समाप्त करे।
आपको बता दें तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए 10 बिलों को आरक्षित रखना अवैध करार देते हुए रद्द किया है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि राज्यपाल को उस समय विधेयक को मंजूरी देनी चाहिए जब राज्य विधानसभा में दोबारा परामर्श के बाद कोई विधेयक उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, वे केवल तभी मंजूरी देने से इंकार कर सकते हैं जब विधेयक अलग हो। राज्यपाल द्वारा 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के लिए आरक्षित करने की कार्रवाई अवैध और मनमानी है। इसलिए कार्रवाई को रद्द किया जाता है। जिसके बाद से इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है।
राजनीतिक पार्टियों ने कहा कि राज्यपाल को अब पद पर बने नहीं रहना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि उनके समक्ष लंबित सभी विधेयकों को उनकी सहमति प्राप्त हो गई है। उन्होंने मांग की कि राज्यपाल को या तो वापस बुलाया जाए, पद से हटाया जाए या फिर उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।