जीवित नवजात को मृत बताने में डॉक्टरव एएनएम पर गिरी गाज
लौरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जीवित नवजात को मृत बताने के मामले में आयुष चिकित्सक डॉ. अफरोज आलम और जीएनएम राधिका कुमारी पर कार्रवाई की जाएगी। 24 मार्च को जन्मे बच्चे को मृत घोषित किया गया था।...

लौरिया। लौरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जन्म लिए जीवित नवजात को मृत बताने के मामले की जांच में ड्यूटी पर तैनात आयुष चिकत्सिक डॉ. अफरोज आलम तथा जीएनएम राधिका कुमारी फंस गयी है। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार ने बताया कि लौरिया सीएचसी में कार्यरत आयुष चिकत्सिक अफरोज आलम पर कार्रवाई के लिए डीएम दिनेश कुमार राय को पत्र भेजा गया है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं जीएनएम राधिका कुमारी को निलंबन व चयनमुक्त करने के लिए निदेशक प्रमुख नर्सिंग को पत्र भेजा गया है। प्रभारी चिकत्सिा पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार भी उस दिन बगैर छुट्टी गायब थे। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मामला यह है कि बगहा एक के बसवरिया निवासी शिव बैठा उर्फ बहादुर बैठा की पत्नी ज्योति कुमारी को सीएचसी में डिलेवरी के लिए लाया गया था। 24 मार्च को बेटे का जन्म हुआ। नवजात शिशु में हलचल न देखकर जीएनएम व आयुष चिकत्सिक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। अखबार में खबर प्रकाशित होने पर सिविल सर्जन ने अपर मुख्य चिकत्सिा पदाधिकारी डॉ. रमेश चन्द्रा, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मुर्तूजा अंसारी तथा जिला स्वास्थ्य समिति के चिकत्सिक डॉ. आरस मुन्ना की टीम को जांच के लिए भेजा था। टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है।
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