आंधी-बारिश इफेक्ट: कई पैक्सों में रखे सैकड़ों क्विंटल धान लगे सड़ने
आंधी-बारिश इफेक्ट: कई पैक्सों में रखे सैकड़ों क्विंटल धान लगे सड़ने आंधी-बारिश इफेक्ट: कई पैक्सों में रखे सैकड़ों क्विंटल धान लगे सड़ने

आंधी-बारिश इफेक्ट: कई पैक्सों में रखे सैकड़ों क्विंटल धान लगे सड़ने पैक्सों की शिकायत पर डीसीओ ने बीसीओ को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा 47 फीसदी धान अब भी पैक्सों के पास है रखा, नहीं बना चावल फोटो 17 शेखपुरा 01 - माफो पैक्स में बारिश के कारण बोरा में भिंगा धान। शेखपुरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। बेमौसम हुई बारिश और आंधी ने जिले की कई पैक्सों की पेशानी पर बल ला दिया है। खासकर गोदामविहीन पैक्सों में बाहर में रखा सैकड़ों क्विंटल धान सड़ने लगा है। कई पैक्सों में तो धान इस कदर भिंगा है कि अंकुर निकल आया है। धान के बर्बाद होने की सबसे बड़ी बजह एसएफसी का ढुलमुल रवैये को बताया जा रहा है। कई पैक्सों ने जिला सहकारिता कार्यालय में आवेदन देकर मुआवजा की गुहार लगाई है। ज्ञापन देने आये माफो पैक्स के अध्यक्ष संटु सिंह ने बताया कि उनके यहां पैक्स का गोदाम नहीं है। विभाग का आदेश है कि मिल द्वारा एसएफसी को चावल देने के बाद ही पैक्स को मिल में धान देने का निर्देश दिया जाएगा और एसएफसी के दिये गये एसटीआर के आधार पर ही पैक्स द्वारा मिल को धान दिया जाता है। पैक्स अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी आदेश और एसएफसी द्धारा एसटीआर देने में आनाकानी के कारण कई पैक्सों में धान की यह दुर्गति हुई है। बेमौसम की बारिश के कारण खुले में रखा धान पूरी तरह से सड़ गया है। अब पैक्स अध्यक्ष पेशोपेश में हैं कि यदि सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति नहीं की जाती है तो पैक्सों को लाखों का नुकसान हो सकता है। जिन पैक्सों में धान सड़ने की सूचना मिल रही है उसमें बेलाव, पिजड़ी, औधे, माफो सहित अन्य पैक्स शामिल हैं। तेज आंधी के कारण कई पैक्सों के गोदाम का करकट से बनी छत भी उड़ गयी है। बीसीओ को मिला जांच का आदेश: जिला सहकारिता पदाधिकारी प्रवीण कुमार सिंहा ने कहा कि कुछ पैक्सों द्वारा धान बर्बाद होने की सूचना दी गई है। वहीं, कुछ पैक्सों द्वारा आवेदन दिया गया है। संबंधित प्रखंड के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। माफो पैक्स में बीसीओ विश्वजीत कुमार द्वारा जांच की गयी है, जिसमें एक हजार से लेकर 15 सौ मन तक धान भींगने की बात कही गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट भेजी जायेगी। अबतक 53 फीसदी ही चावल जमा: धान खरीद के एवज में चावल देने की समय सीमा सरकार की ओर से 30 जून तक निर्धारित की गई है। अबतक एसएफसी को कुल धान खरीद का महज 53 फीसदी ही चावल दिया गया है। शेष धान अब भी पैक्सों के पास ही पड़ा हुआ है। जिला में इस साल 39052 टन धान की खरीद हुई थी। इसमें अबतक 13891 टन चावल ही दिया गया है। अब भी 18319 टन धान का चावल दिया जाना बाकी है।
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