जिस लड़के का हुआ था अंतिम संस्कार, डेढ़ महीने बाद वो जिंदा लौटा; हर कोई रह गया दंग
दरभंगा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जब एक लड़के का उसी के परिवार ने अंतिम संस्कार करा दिया था। वो अब डेढ़ महीने बाद जिंदा लौटा है। अपने भाई और वकील के साथ कोर्ट में पहुंचकर उसने जिंदा होने का सबूत दिया।

बिहार के दरभंगा जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक युवक की दुर्घटना के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजन डीएमसीएच पहुंचकर उसे अपने अपहृत पुत्र भोला कुमार राम के रुप में पहचान कर चुके थे। एक मार्च को मृतक का दाह संस्कार भी परिजन ने कर दिया । वहीं युवक गुरुवार को जिंदा मिला। युवक अपने भाई के साथ एससी एसटी के एक्सक्लूसिव जज शैलेंद्र कुमार 1 के सामने हाजिर होकर खुद को जीवित बताया। इसके बाद युवक को बयान के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष भिजवाया गया।
न्यायालय में हाजिर होने वाले युवक के मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा गांव निवासी जगदेव राम के पुत्र भोला कुमार राम है। वह अपने भाई धीरज कुमार राम एवं वकील मुकेश कुमार के साथ न्यायालय पहुंचा था। वकील मुकेश कुमार के अनुसार भोला को कुछ लोगों ने नेपाल में रखा था । वहीं से व्हाट्सएप्प कॉलिंग के माध्यम से उन लोगों ने भोला के भाई धीरज से संपर्क किया, धीरज को उनकी बात पर विश्वास नहीं हुआ। तब उन लोगों ने वीडियो कॉल कर धीरज को दिखाया।
इसके बाद धीरज अपने कुछ संबंधी के साथ नेपाल उन लोगों के पास पहुंचा। धीरज ने वहां भोला से पुरानी बातों को लेकर पूछताछ की। भोला के सही-सही जवाब देने पर धीरज को विश्वास हुआ कि सामने बैठा युवक उसका भाई भोला ही है। जिसका वो लोग दाह संस्कार कर चुके हैं, वह कोई अन्य व्यक्ति रहा होगा।
इधर सूत्रों के अनुसार भोला ने न्यायालय को बताया है कि राज मैदान में क्रिकेट खेलने के दौरान कुछ लोगों ने उसे रुमाल सुंघाकर बेहोश कर अपने साथ ले गया। होश में आने पर वह नेपाल के एक कमरा में था। युवक के जिंदा होने की खबर पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
आपको बता दें मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा गांव निवासी भोला कुमार राम 8 फरवरी को अपने घर से रोज की तरह विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नाका दो के पास एक चाय नाश्ता की दुकान में काम करने के लिए घर से निकला। लेकिन वह वापस घर नहीं लौटा। परिजन इधर-उधर खोजबीन करने के बाद 10 फरवरी को मब्बी थाना में उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच में जुटी थी लेकिन भोले का पता नहीं चला।
इसी दौरान 21 फरवरी को भोला के भाई धीरज को एक नंबर से फोन आया। भोला को छोड़ने की एवज में पैसा मांगी गई। परिजन मामले की जानकारी पुलिस को दी। इसके अलावा परिजन ने उक्त नंबर पर 5000 रुपया भी भेज दिया। लेकिन ना तो पुलिस भोला को ढूंढ सकी। ना ही परिजन अपने माध्यम से भोले से संपर्क बना पाया। पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी।
इसी दौरान 25 फरवरी को बेता थाना क्षेत्र के भटवा पोखर गुमटी के निकट रेलवे ट्रैक पर गंभीर रूप से जख्मी एक बेहोश युवक मिला था। बेता थाना के द्वारा उसे इलाज के लिए डीएमसीएच में भर्ती कराया गया। पुलिस की सूचना पर भोला के परिजन डीएमसीएच पहुंचे। वहां मौजूद जख्मी को देख परिजनों ने अपने अपहृत भाई भोला राम के रुप में की।
भोला राम की मौत की सूचना पर भोला के परिजन एवं स्थानीय लोग आक्रोशित होकर विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आजमनगर में सड़क जाम कर जमकर बवाल काटा था। पुलिस की गाड़ी का शीशा भी फोड़ दिया था। परिजन मब्बी थाना के तत्कालीन अध्यक्ष दीपक कुमार पर कई गंभीर आरोप लगा रहे थे। सिटीएसपी सहित कई थाना की पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। तब जाकर परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम होने के बाद अपने साथ ले गए। उसके बाद उसका दास संस्कार कर दिया। उक्त कांड में शिथिलता बरतने के आरोप में एसएसपी जगरनाथ रेड्डी ने अगले दिन ही तत्कालीन थानाध्यक्ष दीपक कुमार को निलंबित कर दिया था
वहीं इस मामले में दरभंगा एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि 28 फरवरी की देर रात इलाज के दौरान ही अस्पताल में भर्ती युवक की मौत हो गई। न्यायालय में बयान दिया गया है। उसके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिस व्यक्ति की लाश बरामद हुई और पोस्टमार्टम किया गया था। उस मामले में बेता थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।