गंगा कटाव रोधी कार्य में नहीं रखा जा रहा है गुणवत्ता का ख्याल
गंगा नदी के कटाव के कारण केशोपुर के समीप दर्जनों गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटाव निरोधी कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है, और बिना प्राक्कलन बोर्ड के काम किया जा...

बिना प्राक्कलन बोर्ड लगाए कराया जा रहा है कार्य सिमरी, एक प्रतिनिधि। केशोपुर के समीप गंगा नदी मे तेजी से हो रहे कटाव के कारण दर्जनों गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। फूली मिश्र के डेरा के समीप तेजी से गंगा नदी में हो रहे कटाव से रैयतों की उपजाऊ जमीन गंगा नदी मे विलीन होती जा रही है। बता दें कि, केशोपुर के समीप बक्सर-कोईलवर तटबंध की दूरी गंगा नदी से महज 80 से 90 गज रह गई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा गंगा नदी में हो रहे कटाव की रोकथाम के लिए कटाव निरोधी कार्य कराया जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि गंगा कटाव रोधी कार्य में नामित कार्य एजेन्सी द्वारा गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। सामान्य (सीमेन्ट) की बोरी में बालू ,मिट्टी भरकर कार्य कराया जा रहा है। जबकि गंगा कटाव निरोधी कार्य में जियो बैग का प्रयोग किया जाना है। ग्रामीणों ने कहा कि बिना प्राक्कलन बोर्ड लगाए एजेन्सी द्वारा कार्य कराया जा रहा है। जबकि, सरकारी योजना प्रारंभ करने से पहले कार्य स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड लगाए जाने का प्रावधान है। प्राक्कलन बोर्ड नही लगाए जाने से गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। प्लास्टिक की बोरी में बालू भर कटाव रोधी कार्य कराया जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्लास्टिक की बोरी कटाव रोकने में कितना कारगर होता है।
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