मीटिंग या महानाटक, महागंठबंधन की बैठक पर महासियासत; बीजेपी बोली- महाभ्रम परोसने की तैयारी
महागठबंधन की मीटिंग पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी ने इसे महानाटक करार देते हुए जनता के बीच महाभ्रम परोसने की तैयारी करार दिया है। सभी सियासी दलों की नजरें इस बैठक पर टिकी हुई हैं।

राजधानी पटना में महागठबंधन की तीसरी बैठक रविवार को हो रही है जिसमें तेजस्वी यादव और कृष्णा अल्लावरू की मौजूदगी में अलायंस के सभी दल बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन करेंगे। इस मीटिंग पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी ने इसे महानाटक करार देते हुए जनता के बीच महाभ्रम परोसने की तैयारी करार दिया है। सभी सियासी दलों की नजरें इस बैठक पर टिकी हुई हैं। दीघा रेजॉर्ट में मीटिंग का आयोजन किया गया है जिसमें सभी छह घटक दलों के सभी जिलाध्यक्ष भी शामिल होंगे।
बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि इस मीटिंग के बारे में सुनकर ऐसा लगता है कि ये लोग फिर से जनता के बीच महाभ्रम परोसने की तैयारी में हैं। जहां हर कोई सूत्रधार बनना चाहता है वहां मीटिंग कम और महानाटक ज्यादा होगा। बिहार की जनता को विकास, रोजगार और स्थिरता चाहिए। दरअसल यह नन-बंधन वाला गठबंधन है जिसमें बंधन गायब है। आपस में कोई बॉन्डिंग नहीं है क्योंकि सब अपनी अपनी फिराक में हैं। मौका मिलेगा तो सब एक दूसरे की पीठ में छूड़ा भोंक देंगे।
बैठक को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि पहली बार जिला स्तर के नेता और कार्यकर्ता महागठबंधन के संयुक्त बैठक में भाग ले रहे हैं। इससे जमीनी स्तर पर काम करने के जरूरी कॉ-ऑर्डिनेशन बनाने में सुगमता होगी। यह बैठक कई मायनों में अहम है। हालांकि महागठबंधन का सीएम फेस स्पष्ट होगा या नहीं, यह कोई नहीं बता रहा।
इससे पहले महागठबंधन की दो बैठक पटना में हो चुकी है। पहली बार 17 अप्रैल को राजद के कार्यालय में मीटिंग हुई थी। दूसरी बार कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में सभी दलों के नेता बैठे थे। चुनाव के संचालन के लिए महागठबंधन की समन्वय समिति बनाई गयी है जिसके अध्यक्ष तेजस्वी यादव को बनाया गया। सभी घटक दलों से दो-दो सदस्य हैं।