प्रशांत किशोर नहीं पैसा किशोर, जन सुराज की रैली को NDA ने बताया फ्लॉप; RJD भी मजे ले रही
- बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है कि करोड़ों खर्च कर लोगों की जुटाने की कवायद फेल हो गयी है। पांच लाख के दावे पर करीब बीस से तीस हजार लोग गांधी मैदान पहुंचे।

प्रशांत किशोर के जन सुराज की पहली रैली शुक्रवार को पटना गांधी मैदान में हुई। रैली में 5 लाख की भीड़ जुटने का दावा किया गया था। पी के के विरोधियों का कहना है रैली में मात्र 20 से 30 हजार लोग जुटे। बीजेपी और जेडीयू ने रैली को फ्लॉप करार दिया तो आरजेडी ने कहा है कि जन सुराज की वोटकटवा की भी हैसियत नहीं है। इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने प्रशांत किशोर को पैसा किशोर का नाम दिया है।
शुक्रवार को गांधी मैदान की रैली में जन सुराज ने पूरी तैयारी की थी। रैली में गीत संगीत के साथ पार्टी के नेताओं का भाषण चल रहा था। प्रशांत किशोर करीब एक घंटे लेट से आए। आते ही कहा कि रैली में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से निकले दो लाख लोग रोड जाम में फंसे हुए हैं। प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि रोड जाम क्लियर किया जाए ताकि बसों और अन्य गाड़ियों में भूखे प्सासे फंसे लोग गांधी मैदान तक पहुंच सकें। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और उनके अफसरों पर ठीकरा फोड़ दिया। करीब 8 मिनट तक भाषण करके वे रैली में आए लोगों से मिलने जुलने लगे।
रैली पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है कि करोड़ों खर्च कर लोगों की जुटाने की कवायद फेल हो गयी है। पांच लाख के दावे पर करीब बीस से तीस हजार लोग गांधी मैदान पहुंचे। उनका नाम अब प्रशांत किशोर नहीं बल्कि पैसा किशोर हो जाना चाहिए क्योंकि पैसे के बल पर राजनीति शुरू किया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव रैली बदहाल रैली बनकर रह गयी। पीके की रैली में हजारों कुर्सियां खाली रह गईं और कई ट्रकों में लाई गईं कुर्सियों को उतारा भी नहीं गया। किराय पर भीड़ जुटाने की मंशा का परिणाम यही होता है।
राजद के मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि जनता ने प्रशांत किशोर को ऐसी हैसियत बताई की वोटकटवा की स्थिति में भी नहीं रहे। बीजेपी की बी टीम बनकर घूम रहे थे। कल का दृश्य देखकर पता चल गया कि क्या हैसियत है उनकी। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि खाली कुर्सियों के सहारे कुर्सी पर पहुंचने का सपना छोड़ दीजिए। बिहार के लोगों ने आपको आइना दिखा दिया।जनता को पीआर एजेंसी औ मैनेजमेंट वाला नेता नहीं चाहिए।