चीन ने लगाया इन भारतीय कंपनियों पर भारी भरकम टैरिफ, शेयर क्रैश, बेचने की लगी होड़
बता दें कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 828 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में उसे 1,217 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

China tariff: भारत- पाक टेंशन के बीच चीन के एक फैसले के बाद संबंधित भारतीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। चीन द्वारा एक साल की जांच के बाद भारत से कीटनाशक 'साइपरमेथ्रिन' के आयात पर शुल्क लगाए जाने के बाद, गुरुवार, 8 मई को यूपीएल लिमिटेड के शेयरों में 2% की गिरावट आई। यह बुधवार, 7 मई, 2025 को लागू हुआ।
क्या है डिटेल
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि उसने पाया कि भारत चीनी अर्थव्यवस्था में इस यौगिक को डंप कर रहा है और चीनी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहा है। एंटी-डंपिंग शुल्क पांच साल के लिए लगाया जाएगा और यह 48.4% से 166.2% तक होगा।
इन शेयरों पर असर
इसने सबसे अधिक 166.2% एंटी-डंपिंग शुल्क UPL Ltd पर लगाया है, इसके बाद मेघमनी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, भारत रसायन लिमिटेड और हेरानबा इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 62-62% शुल्क लगाया है। अन लिस्टेड कंपनियों में, इसने घरदा केमिकल्स लिमिटेड और टैग्रोस केमिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर क्रमशः 75.7% और 48.4% शुल्क लगाया है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अन्य (अनिर्दिष्ट) भारतीय कंपनियों पर भी 166.2% शुल्क लगाया है।
कंपनी ने जारी किए मार्च तिमाही के नतीजे
यूपीएल लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 828 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में उसे 1,217 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। इस अवधि में इसका राजस्व 10% बढ़कर 10,907 करोड़ रुपये हो गया, जो 9% वॉल्यूम वृद्धि और 5% मूल्य वृद्धि के कारण हुआ। इसकी भरपाई मुख्य रूप से ब्राजील में विदेशी मुद्रा मुद्दों से हुई। ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (ईबीआईटीडीए) से पहले इसकी आय पिछले वर्ष के 416 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,162 करोड़ रुपये हो गई। इसका मार्जिन एक साल पहले की अवधि के 4.2% से बढ़कर 19.8% हो गया।