पोल खुलने के बाद इस कंपनी में इस्तीफों की झड़ी, PFC और IREDA भी एक्शन के मूड में
- जेनसोल इंजीनियरिंग की सेबी ने पोल क्या खोली, कंपनी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। उसके दो और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर ने कंपनी छोड़ दी। इससे पहले अरुण मेनन ने इस्तीफा दिया था। इन इस्तीफों की झड़ी से कंपनी के शेयरों पर दबाव और बढ़ गया है।
Gensol Crisis: जेनसोल इंजीनियरिंग की सेबी ने पोल क्या खोली, कंपनी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। उसके दो और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर ने कंपनी छोड़ दी। दूसरी ओर पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी यानी इरेडा ने जेनसोल को दिए अपने लोन को सुरक्षित रखने के लिए कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर रही हैं। गुरुवार को शेयर मार्केट बंद होने के बाद जेनसोल इंजीनियरिंग ने बताया कि कंपनी के दो स्वतंत्र निदेशकों हर्ष सिंह और कुलजीत सिंह पोपली ने तत्काल प्रभाव से (16 अप्रैल 2025 को) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
यह खबर ऐसे समय आई है जब बुधवार को ही कंपनी के एक और स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने कंपनी के कर्ज के बढ़ते स्तर और वित्तीय स्थिरता पर चिंता जताते हुए इस्तीफा दिया था। इन इस्तीफों की झड़ी से कंपनी के शेयरों पर दबाव और बढ़ गया है, जो पहले से ही भारी गिरावट झेल रहे हैं।
प्रमोटर्स पर सेबी की कार्रवाई के बाद पहले ही इस्तीफे
इससे पहले, कंपनी के प्रमोटर्स और निदेशक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने भी सेबी द्वारा उनके खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा, कंपनी की 1:10 के शेयर स्प्लिट योजना को भी रोक दिया गया है।
इस्तीफों के पीछे कारण
लाइव मिंट की खबर के मुताबिक हर्ष सिंह ने अपने इस्तीफे में कहा कि यह फैसला उनकी दूसरी पेशेवर व्यस्तताओं के कारण है, हालांकि उन्होंने माना कि कंपनी इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। वहीं, कुलजीत सिंह पोपली ने कहा कि मीडिया में हाल की खबरों और घटनाओं ने उन्हें भावनात्मक रूप से आहत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि कंपनी में सुधार होगा और शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने प्रशासनिक मुद्दों को भी इस्तीफे की वजह बताया।
कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर रहीं पीएफसी और इरेडा
ईटी की एक खबर के मुताबिक पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) ने जेनसोल को दिए अपने लोन को सुरक्षित रखने के लिए कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर रही हैं। कंपनी के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी पर कैपिटल मार्केट से बैन और पैसे हटाने के आरोप हैं। ये दोनों भाई ब्लूस्मार्ट नामक राइड-हेलिंग सर्विस के भी प्रमोटर हैं, जिसमें बीपी वेंचर्स जैसे बड़े निवेशक पैसे लगा चुके हैं। गुरुवार को यह सर्विस (जिसकी सभी गाड़ियां इलेक्ट्रिक हैं) ऑफलाइन हो गई।
977 करोड़ रुपये का लोन
जेनसोल सोलर प्रोजेक्ट्स बनाने का काम करती है और वाहन लीज पर भी देती है। सेबी की जांच के मुताबिक, पीएफसी और इरेडा ने जेनसोल को 977 करोड़ रुपये का लोन दिया। इसमें से 663 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए थे, जिन्हें कंपनी ने ब्लूस्मार्ट को लीज पर देना था। अब तक 5,500 वाहन लीज पर दिए जा चुके हैं।
सेबी ने खोल दिया जेनसोल की पोल
सेबी ने जेनसोल का पोल खोलते हुए बताया कि कंपनी ने PFC और IREDA के नाम से नकली चिट्ठियां बनाकर रेटिंग एजेंसियों को दिखाया कि उनके लोन अकाउंट्स "सामान्य" हैं और भुगतान समय पर हो रहा है। 15 अप्रैल को सेबी ने जग्गी भाइयों पर यह आरोप लगाते हुए उन्हें लिस्टेड कंपनियों में मैनेजमेंट पद संभालने से बैन कर दिया।