₹30000 लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड, ₹50 हजार तक लोन, बड़े काम की यह सरकारी स्कीम
- इस योजना को कोविड-19 लॉकडाउन से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को राहत प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य न केवल स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देकर उन्हें सशक्त बनाना है, बल्कि उनके समग्र आर्थिक विकास के लिए भी काम करना है।

कोरोना काल में नरेंद्र मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की थीं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वानिधि) योजना की भी शुरुआत हुई थी। इस योजना को कोविड-19 लॉकडाउन से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को राहत प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य न केवल स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देकर उन्हें सशक्त बनाना है, बल्कि उनके समग्र आर्थिक विकास के लिए भी काम करना है। अब इस योजना के तहत सरकार क्रेडिट कार्ड भी दे रही है। इस क्रेडिट कार्ड की लिमिट 30 हजार रुपये है। आइए योजना की डिटेल जान लेते हैं।
योजना की डिटेल
बीते एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने योजना के तहत क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि अब लाभार्थियों को 30,000 की लिमिट वाले यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए जरूरी केवाईसी दस्तावेज आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र हैं। अन्य स्वीकार्य दस्तावेज पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या मनरेगा कार्ड हैं।
50 हजार रुपये तक लोन
पीएम स्वनिधि योजना के तहत, विक्रेता तीन चरणों में 50,000 रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं।
पहली किश्त- 12 महीनों के लिए 10,000 रुपये तक का लोन
दूसरी किश्त-18 महीनों के लिए न्यूनतम 15,000 रुपये और अधिकतम 20,000 रुपये
तीसरी किश्त-36 महीनों के लिए न्यूनतम 30,000 रुपये और अधिकतम 50,000 रुपये
लोन प्राप्त करने के लिए किसी संपार्श्विक या सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है। वहीं, री-पेमेंट मासिक किस्तों में होगा। इस योजना में प्रति वर्ष 7% की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है, जो तिमाही आधार पर सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाएगी। यदि ऋण नियत तिथि से पहले चुकाया जाता है, तो पूरी सब्सिडी एक बार में जमा की जाएगी। इसके अतिरिक्त, डिजिटल लेन-देन करने वाले विक्रेताओं को प्रति वर्ष 1,200 रुपये तक का कैशबैक मिलेगा। जो लोग समय पर और जल्दी अपना ऋण चुकाते हैं, वे भविष्य में अधिक ऋण राशि के लिए पात्र होंगे।