टैरिफ अटैक के बीच चीन की पहली तिमाही में बड़ी ग्रोथ, अनुमान से भी निकला आगे; कब दिखेगा असर
- अमेरिकी टैरिफ अटैक का पहली तिमाही में कोई असर देखने को नहीं मिला। माना जा रहा है कि दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून क्वार्टर में इसका असर दिखेगा। चीन, भारत और जापान को एशिया की अर्थव्यवस्था के पावरहाउस के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में यदि चीन का पहली तिमाही में अच्छा रिजल्ट रहा है तो यह उत्साहजनक है।

अमेरिका ने सबसे ज्यादा 145 फीसदी का टैरिफ चीन पर लगाया है। इस बीच चीन में पहली तिमाही के जो नतीजे आए हैं, उसमें अच्छी ग्रोथ दिखाई दी है। चीन की जीडीपी की ग्रोथ जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान 5.4 फीसदी रही है, जबकि कई एजेंसियों का अनुमान था कि यह 5.1 फीसदी तक ही रहेगी। यहां यह तथ्य ध्यान देने वाला है कि आंकड़े मार्च तक के हैं, जबकि अमेरिका की ओर से टैरिफ अटैक अप्रैल में किया गया है। ऐसे में अमेरिकी टैरिफ अटैक का पहली तिमाही में कोई असर देखने को नहीं मिला। माना जा रहा है कि दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून क्वार्टर में इसका असर दिखेगा। चीन, भारत और जापान को एशिया की अर्थव्यवस्था के पावरहाउस के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में यदि चीन का पहली तिमाही में अच्छा रिजल्ट रहा है तो यह उत्साहजनक है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल से टैरिफ अटैक शुरू किया है। अब तक अमेरिका की ओर से 145 फीसदी का टैरिफ चीन पर लगाया जा चुका है, जबकि ड्रैगन ने भी जवाबी ऐक्शन लेते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 125 फीसदी टैक्स लगाया है। ट्रंप प्रशासन ने अगले 90 दिनों के लिए भारत समेत तमाम देशों पर टैरिफ को रोक दिया है और तब तक किसी ट्रेड डील को लेकर सहमति बन सकती है। लेकिन चीन को लेकर ट्रंप का अड़ियल रुख जारी है। माना जा रहा है कि अमेरिका और चीन के बीच इस ट्रेड वॉर के चलते वैश्विक मंदी के हालात भी पैदा हो सकते हैं।
डेटा के अनुसार पहली तिमाही में चीन की ग्रोथ 5.4 फीसदी रही है, जबकि 2024 के आखिरी क्वॉर्टर में भी यही आंकड़ा था। हालांकि रॉयटर्स के पोल में अनुमान था कि चीन की ग्रोथ 5.1 फीसदी ही रहेगी। ऐसे में यह आंकड़ा अनुमान से बढ़कर है। लेकिन अब दूसरी तिमाही में झटके की आशंकाएं हैं। चीन की कोशिश है कि बड़े पैमाने पर नौकरियों को बचा लिया जाए क्योंकि ट्रंप के टैरिफ अटैक से एक्सपोर्ट इंडस्ट्री दबाव में है। फिलहाल चीन की सरकार ने घरेलू खपत को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए हैं। इसके अलावा निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है।
चीन की अर्थव्यवस्था की समझ रखने वाले शु तियानचेन ने कहा कि पहली तिमाही में हर साल चीन की ग्रोथ अच्छी रहती है, लेकिन उसके बाद थोड़ी कमजोरी आती है। इस बार तो डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ अटैक भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि जुलाई में आने वाले नतीजों में इसका असर दिख सकता है। महंगाई दर को नियंत्रित रखने और डिमांड बनाए रखने की कोशिश में फिलहाल चीनी सरकार और बैंकर जुटे हुए हैं। देखना होगा कि उनके उपाय़ों का क्या असर होता है।
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