बोले देवघर: ठाढ़ीदुलमपुर में न सड़क बनी न सफाई की है व्यवस्था
ठाढ़ीदुलमपुर मोहल्ला, देवघर में लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सड़क की जर्जर हालत, जल संकट, कचरा उठाव की कमी और मंईयां सम्मान योजना से वंचित महिलाएं प्रमुख समस्याएं हैं। स्थानीय निवासियों ने नगर...

ठाढ़ीदुलमपुर मोहल्ला कहने को तो देवघर शहरी क्षेत्र में आता है। लेकिन आज भी मोहल्ले के लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। मोहल्ले की मुख्य सड़क वर्षों से जर्जर हालत में है। सड़क की बदहाल स्थिति के कारण स्थानीय लोगों को प्रतिदिन भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढों से भरी सड़क पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। मोहल्ले के लोग वर्षों से सड़क की मरम्मत की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस ओर कोई ठोस पहल नहीं की गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह सड़क मोहल्ले को मुख्य शहर से जोड़ती है। महिलाओं ने कहा कि मोहल्ले की कई महिलाएं मंईयां सम्मान योजना से वंचित हैं। इन महिलाओं ने योजना के तहत आवेदन तो कई बार जमा किया है, लेकिन अब तक उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका है। लाभ की आस में महिलाएं लगातार प्रखंड कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है।
देवघर नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 35 अंतर्गत ठाढ़ीदुलमपुर मोहल्ला कहने को तो देवघर शहरी क्षेत्र में आता है। लेकिन आज भी मोहल्ले के लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। तेजी से होते शहरीकरण के दौर में मोहल्ले की आबादी तो बढ़ती गई। लेकिन मोहल्ले के लोग अब भी विकास से कोसों दूर हैं। मोहल्ले में करीब 500 से अधिक घर हैं। जिनमें करीब 5,000 की जनसंख्या निवास करती है। मोहल्ले की मुख्य सड़क काफी जर्जर हो चुकी है।
सड़क पर जहां-तहां बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिसके कारण अक्सर दुघर्टनाओं का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही मोहल्ले में पेयजल के लिए महज 2 चापाकल मौजूद हैं। जिसमें से एक रख-रखाव के अभाव में खराब पड़ा हुआ है। जबकि दूसरा चापाकल भी अक्सर खराब होते रहता है। महज एक चापाकल के भरोसे ही मोहल्ले के करीब 200 घरों के लोग निर्भर रहते हैं। इसके साथ ही मोहल्ले में नियमित रुप से कचड़ा का उठाव भी नहीं होता है। करीब 2 वर्ष से मोहल्ले में कचड़ा उठाने वाली गाड़ी नहीं जाती है। जिसकी वजह से लोगों के घरों से निकलने वाला कचड़ा जहां-तहां फैला रहता है। इससे न सिर्फ गंदगी व दुर्गंध फैलती है। बल्कि गंदगी की वजह से मच्छर व बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। इसके साथ ही मोहल्ले की अधिकांश गलियों में पक्की सड़क तक मौजूद नहीं है। जबकि कहीं भी नाली का भी निर्माण नहीं कराया गया है। लोग नगर निगम को टैक्स तो दे रहे हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान मोहल्ले के लोगों ने अपनी समस्याओं व उसके समाधान को लेकर अपनी-अपनी बात रखी।
सुझाव
1. नगर निगम मुख्य सड़क की तत्काल मरम्मत कराए ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
2. नए चापाकल लगाए जाएं और पुराने चापाकल की मरम्मत करवाई जाए, ताकि जल संकट का समाधान हो सके।
3. मोहल्ले में नियमित कचरा उठाव सुनिश्चित किया जाए और सफाई व्यवस्था बहाल की जाए।
4. मंईयां सम्मान योजना में पारदर्शिता लाई जाए और पात्र महिलाओं को समय पर लाभ दिया जाए।
5. बिजली के पक्के पोल और ट्रांसफार्मर लगाए जाएं तथा लो-वोल्टेज की समस्या दूर की जाए, जिससे लोग सुरक्षित ढंग से बिजली उपयोग कर सकें।
शिकायतें
1. जर्जर सड़क - मोहल्ले की मुख्य सड़क वर्षों से खराब है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
2. जल संकट - लगभग 5000 की आबादी वाले मोहल्ले में सिर्फ दो चापाकल हैं, जिनमें से एक खराब है और दूसरा भी अक्सर खराब रहता है।
3. कचरा उठाव ठप - पिछले दो वर्षों से नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी मोहल्ले में नहीं आ रही, जिससे गंदगी और बीमारियों का खतरा है।
4. मंईयां सम्मान योजना से वंचित महिलाएं - पात्र महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल रहा, बार-बार आवेदन देने के बावजूद सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।
5. बिजली व्यवस्था खराब - मोहल्ले में न पोल हैं, न ट्रांसफार्मर की व्यवस्था; लोग बांस के सहारे तार लटकाकर बिजली उपयोग कर रहे हैं, जिससे जान-माल का खतरा है।
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