103 एकड़ जमीन हथियाने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का एक्शन, झारखंड-बिहार के 16 ठिकानों पर छापा
- ईडी ने सोमवार की सुबह छह बजे से झारखंड और बिहार के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। छापेमारी में निवेश संबंधी दस्तावेज, जमीन के कागजात समेत अन्य चीजें मिली हैं।

ईडी ने झारखंड के बोकारो में वन और राजस्व विभाग की 103 एकड़ भूमि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हथियाने के मामले में जांच शुरू कर दी है। ईडी ने सोमवार की सुबह छह बजे से झारखंड और बिहार के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। छापेमारी में निवेश संबंधी दस्तावेज, जमीन के कागजात समेत अन्य चीजें मिली हैं।
ईडी ने वन भूमि को अपने नाम पर म्यूटेशन कराने वाले इजहार अंसारी के आवास पर तो छापेमारी की ही। कांके जमीन घोटाले में आरोपित सीओ दिवाकर द्विवेदी के धनबाद आवास पर भी पहुंची। द्विवेदी के यहां इसलिए पहुंची क्योंकि अवैध सौदे के समय वह सर्किल अधिकारी थे। इजहार अंसारी से 10.23 करोड़ रुपये देकर वन भूमि खरीदने वाली उमायुष कंस्ट्रक्शन को यह पैसा कहां से मिला, इस पहलू पर जांच हो रही है।
एजेंसी के मुताबिक, सरकारी दर से काफी कम दर पर भुगतान के बाद भी रजिस्ट्री कर दी गई थी। आकलन के अनुसार, जिस ज़मीन को 23 करोड़ से कम में नहीं बेचा जाना चाहिए था, उसे इज़हार ने उमायुष को सिर्फ़ 10.23 करोड़ में बेचा। जांच में यह बात सामने आई है कि 2021 में उमायुष कंस्ट्रक्शन अस्तित्व में आई, तो इसकी शेयर पूंजी मात्र एक लाख रुपये थी, लेकिन दो माह के भीतर इसकी शेयर पूंजी 10.23 करोड़ रुपये हो गई और इसने 103 एकड़ में से 74.38 एकड़ जमीन खरीद ली। इसे अवैध रूप से इजहार अंसारी के कब्जे में कर दिया गया था। ईडी यह भी पता लगा रही है कि जमीन को सरकारी दर से कम दर पर क्यों बेचा गया।
किस-किस की संलिप्तता
घोटाले में निजी व्यक्तियों, सरकारी अधिकारियों और बोकारो स्टील सिटी के अधिकारियों के बीच मिलीभगत के ज़रिए जाली दस्तावेज़ तैयार किए गए। जनता को गुमराह किया गया और उच्च न्यायालय के फ़ैसले को गलत तरीके से पेश किया गया। एक अधिकारी ने बताया, बोकारो वन प्रभाग ने बोकारो के तेतुलिया गांव में एक बड़ी भूमि धोखाधड़ी के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें लगभग 100 करोड़ मूल्य की 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध बिक्री शामिल है।
यह भूमि, जो मूल रूप से 1962 में बोकारो स्टील को हस्तांतरित की गई थी, आधिकारिक सर्किल दर की तुलना में काफी कम कीमत पर बेची गई थी, जिससे काले धन के उपयोग के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हुई थीं। जैसे ही मामला ईडी के संज्ञान में आया, इसने एफआईआर को ईसीआईआर में बदल दिया और जांच शुरू कर दी। इस मामले की जांच सीआईडी भी कर रही है।
बोकारो-धनबाद में कहां-कहां छापा
ईडी की टीम ने धनबाद के अवर निबंधक और बोकारो चास के पूर्व अवर निबंधक रामेश्वर प्रसाद सिंह के धनबाद हीरापुर स्थित सरकारी आवास में दी दबिश दी। उनसे घंटों पूछताछ हुई। तेतुलिया में बिल्डर के आवास पर जांच-पड़ताल की। बोकारो में उमायुष मल्टीकॉम प्रालि के प्रोजेक्ट हेड किशोर किस्कू के आवास, रैयत इजहार हुसैन व अख्तर हुसैन के उकरीद आवास पर जांच की। चास अंचल के हल्का सात कर्मचारी सुनील गुप्ता से भी पूछताछ हुई। झारूडीह कल्याणेश्वरी अपार्टमेंट में धनबाद डीटीओ दिवाकर द्विवेद्वी के फ्लैट में भी दबिश दी।