बारह वर्षीय किशोरी बनी बालिका वधू
गिरिडीह के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में एक 12 वर्षीय किशोरी का विवाह 35 वर्षीय व्यक्ति से करने का मामला सामने आया है। यह बाल विवाह कानून का उल्लंघन है। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के सहयोग से प्रशासन से...

गिरिडीह, प्रतिनिधि। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव में 12 वर्षीय किशोरी का विवाह देवरी प्रखंड के कुलमडीह साखो निवासी एक 35 वर्षीय अधेड़ उम्र के व्यक्ति से किये जाने का एक मामला प्रकाश में आया है। किशोरी सप्तम वर्ग की छात्रा है। यह घटना बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत विधि सम्मत नहीं है। इस मामले को लेकर जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के सहयोगी संगठन बनवासी विकास आश्रम गिरिडीह के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने इस संबंध में गिरिडीह एवं देवरी बीडीओ एक पत्र लिखकर दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इस घटना को लेकर उसके आस पड़ोस के लोग काफी नाराज हैं और कानूनी कार्रवाई के लिए प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं।
सुरेश का कहना है कि इस बाल विवाह जैसे गंभीर अपराध की घटना को देवरी प्रखंड के देव पहाड़ी मंदिर नेकपुरा में अंजाम दिया गया है। यह आपराधिक घटना लड़कियों की खरीद फरोख्त से भी जुड़ा हो सकता है। बाल विवाह कानून अपराध है और इस अपराध को अंजाम देने वाला तथा भागीदार बने अबोध बालिका के अभिभावक, लड़का, लड़का के माता-पिता, विवाह में शामिल हुए लोग, मंदिर के पुजारी जिसने विवाह सम्पन्न कराया सब पर मुकदमा होना चाहिए।
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