ग्राम स्तर पर बनाए जाएंगे लगभग 6 लाख अतिरिक्त शौचालय,जानिए सोरेन सरकार का प्लान
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में केंद्र प्रायोजित दो योजनाएं यथा- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और जल जीवन मिशन के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में क्रमश: स्वच्छता और जलापूर्ति योजना पर विशेष जोर दिया है।

झारखंड में ग्राम स्तर पर छूटे वैसे गांव जहां शौचालय सुविधा नहीं पहुंची है,वहां राज्य सरकार अतिरिक्त शौचालय निर्माण कराएगी। इसी तरह राज्य की सभी 4245 पंचायतों और 21,822 गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंटसिस्टम की योजना भी क्रियान्वित की जाएगी।
जन-जागरुकता अभियान चलाया जाएगा
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में केंद्र प्रायोजित दो योजनाएं यथा- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और जल जीवन मिशन के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में क्रमश: स्वच्छता और जलापूर्ति योजना पर विशेष जोर दिया है। गांव के स्तर पर निर्मित शौचालयों के नियमित उपयोग, रखरखाव, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए जन-जागरुकता अभियान चलाने का भी कार्य किया जाएगा।
10 सालों में 4.22 लाख से अधिक शौचालय निर्माण
पिछले 10 वर्षों में राज्य में 4.22 लाख से अधिक शौचालय का निर्माण हो चुका है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2014 से लेकर मार्च 2024 तक का है।
वित्तीय वर्ष निर्मित शौचालय कुल निर्मित शौचालय
2014-15 97,203 92,203
2015-16 3,08,680 4,05,883
2016-17 8,19,428 12,25,311
2017-18 12,17,052 24,42,363
2018-19 9,92,127 34,34,490
2019-20 1,94,682 36,29,172
2020-21 5,19,416 41,48,588
2021-22 15,527 41,64,115
2022-23 14,742 41,78,857
2023-24 23,663 42,02,520
2024-25 26,141 42,28,661
45 लाख घरों तक जल पहुंचाने का लक्ष्य
विभाग का जोर राज्य के हर घरों तक जलापूर्ति सुविधा पहुंचाने का भी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार वित्तीय वर्ष 2027-28 तक राज्य के 62,55,717 परिवारों तक क्रियाशील घरेलू नल संयोजन (एफएचटीसी) के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित करायी जाएगी। मिशन के अनुसार राज्य के कुल 62.55,717 घरों में से 34,21,065 घरों में गृह जल संयोजन के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। वितीय वर्ष 2025-26 तक लगभग 45 लाख (72 प्रतिशत) घरों को मिशन से जोड़ने का लक्ष्य है। शेष परिवारों को वित्तीय वर्ष 2027-28 तक जल जीवन मिशन से जोड़ लिया जायेगा।
ओडीएफ प्लस हो चुके गांव में एसएलडब्ल्यूएम पर होगा काम
वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार का जोर कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) पर भी है। विभाग द्वारा राज्य की पंचायतों में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एसएलडब्ल्यूएम) की योजना क्रियान्वित की जाएगी। वर्तमान में पूरे राज्य में पंचायतों की संख्या 4345 है। इसी तरह खुले में शौच से मुक्त हो चुके (ओडीएफ प्लस) के तहत 21,822 गांवों में (एसएलडब्ल्यूएम) योजना क्रियान्वित की जाएगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के हिस्से का अनुपात 60:40 का होगा। एसएलडब्ल्यूएम योजना अंतर्गत किए जाने वाले कार्य 15वें वित्त आयोग, पंचायती राज विभाग तथा मनरेगा से भी किया जाएगा।
162 सामुदायिक शौचालयों का भी होगा निर्माण
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष ग्राम स्तर पर छूटे हुए लाभुकों या नवनिर्मित घरों में योग्य लाभुकों तक शौचालयों की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। कुल 5,73,076 शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह राज्य में आवश्यकतानुसार सार्वजनिक स्थलों पर 162 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। शौचालय निर्माण में केंद्र और राज्य सरकार का हिस्सा 60:40 के अनुपात में होगा। वहीं, सामुदायिक शौचालयों में 70 प्रतिशत राशि 60:40 के अनुपात में वहन की जाएगी। शेष 30 प्रतिशत राशि 15वें वित्त आयोग, पंचायत राज विभाग से वहन किया जाएगा।