PCOS डाल सकता है प्रजनन क्षमता पर बुरा असर, जानें डाइट में कैसे शामिल करें चीया सीड्स
- दुनिया भर की महिलाएं तेजी से पीसीओएस की शिकार हो रही हैं, जिसका असर उनकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ रहा है। कैसे चीया सीड्स का नियमित सेवन इस बीमारी के लक्षणों को मैनेज करने में आपकी करेगा मदद, बता रही हैं अंजलि सिंह।

वजन बढ़ना, ब्लोटिंग, कब्ज- ये सब महिलाओं को होने वाली आम बीमारी पालिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीओएस के लक्षण हैं। हार्मोन का असंतुलन इस बीमारी का मुख्य कारण है। वैसे तो अभी तक इस बीमारी का इलाज नहीं मिल सका है, पर बीमारी के लक्षणों को काबू में रखकर आप काफी बेहतर महसूस कर सकती हैं। इसमें ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना, कब्ज से बचकर रहना और वजन नियंत्रित रखना खासा असरदार साबित होता है। और सेहत से जुड़े इन सभी लक्ष्याें को हासिल करने में चीया सीड्स आपके लिए मददगार साबित होगा। पर, चीया सीड्स को अपने आहार का हिस्सा बनाते वक्त हमेशा संतुलित रवैया अपनाएं क्यों इसके ज्यादा सेवन से साइड इफेक्ट्स का खतरा भी रहता है।
चीया सीड्स कई तरह से सेहत को लाभ पहुंचाता है। इसमें फाइबर, ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स, प्रोटीन और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो पाचन और दिल की सेहत के साथ-साथ हमारे पूरे शरीर को फायदा देते हैं। जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक चीया सीड्स ब्लड शुगर काे संतुलित रखकर हमारे पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। इसकी वजह से हम कम कैलोरी का सेवन करते हैं और सेहतमंद रहते हैं। इसे दही, स्मूदी या फिर सलाद आदि में डालकर आप आसानी से अपनी डाइट का हिस्सा भी बना सकती हैं।
कैसे खाएं चीया सीड्स
चीया सीड्स को कुछ घंटे या फिर रात भर के लिए पानी या दूध में भिगोकर रखें और फिर उसे दही के साथ खाएं या स्मूदी बनाकर खाएं।
पानी में भिगोए हुए चीया सीड्स को आप सलाद, सूप या फिर ओटमील के ऊपर गार्निश करके भी खा सकती हैं।
हर सुबह खाली पेट चीया सीड्स वाला पानी पीने से शुगर को नियंत्रित करने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में आपको मदद मिलेगी।
कैसे पहुंचाता है लाभ?
1 चीया सीड्स की सबसे बड़ी खासियतों में से एक है, इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर का होना। जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित रिपाेर्ट के मुताबिक फाइबर की ज्यादा मात्रा के कारण चीया सीड्स पाचन को धीमा कर देता है, जिससे शुगर नियंत्रित रहता है। शरीर में शुगर की सही मात्रा रहने से हार्मोन का असंतुलन दूर होता है और फिर धीरे-धीरे पीसीओएस के लक्षण जैसे वजन बढ़ना और अनियमित पीरियड की समस्या भी ठीक होने लगती है।
2 चीया सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो शरीर में सूजन संंबंधी समस्याओं को ठीक करके हार्मोनल असंतुलन पर सकारात्मक असर डालता है। पीसीओएस के मरीजों को इंफ्लामेशन यानी सूजन की समस्या ज्यादा होती है। जब यह समस्या काबू में आती है तो रिप्रोडक्टिव हार्मोन जैसे एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन का स्तर शरीर में संतुलित होता है और गर्भधारण करने की संभावना बढ़ती है।
3 प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चीया सीड्स खाने से पेट देर तक भरा हुआ रहता है। बार-बार कुछ खाने की इच्छा भी कम होती है। कम खाने से वजन नियंत्रित रहता है और बदले में मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है।
4 पीसीओएस के मरीजों में कब्ज की समस्या आम है। चीया सीड्स में भरपूर मात्रा में फाइबर होने के कारण यह कब्ज की समस्या से राहत दिलवाकर हार्मोन असंतुलन संबंधी समस्याओं को कम करता है।
5 चीया सीड्स में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं और साथ ही यह इसमें सूजन को कम करने वाले गुण भी होते हैं। सूजन कम करके यह पीसीओएस के मरीजों को अनियमित पीरियड, इसुंलिन सेंसिटिविटी और गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं में राहत देता है।
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