'मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से हो रहा ध्वनि प्रदूषण, इन्हें तुरंत हटाओ', भाजपा नेता की मांग
- किरीट सोमैया ने कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर लोगों को संवेदनशील बनाने और अवैध लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा कर रहा हूं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेता दबाव बनाने और लाउडस्पीकर पर कार्रवाई से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

मुंबई के मुलुंड इलाके में कुछ मस्जिदों से अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग तेज हो रही है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शुक्रवार को इसे लेकर हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि इनकी वजह से ध्वनि प्रदूषण होता है। यह विरोध प्रदर्शन मुलुंड पुलिस थाना के बाहर आयोजित किया गया। सोमैया ने कहा, ‘अदालत और सीनियर पुलिस अधिकारियों की ओर से ऐसे अवैध लाउडस्पीकर को हटाने के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं।’ उन्होंने लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने वाले पुलिस थानों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
पूर्व लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर लोगों को संवेदनशील बनाने और अवैध लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा कर रहा हूं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि मुलुंड पुलिस थाना के कर्मियों ने इस संबंध में अच्छा काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और शिवसेना (यूबीटी) से जुड़े कुछ नेता उन पर दबाव बनाने और ऐसे लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगा कि ऐसे नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।’ स्थानीय भाजपा विधायक मिहित कोटेचा ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
नई शिक्षा नीति को लेकर गरमाई राजनीति
दूसरी ओर, महाराष्ट्र ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने का फैसला किया है। इसी के साथ राज्य की राजनीति में भाषा विवाद सामने आ गया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने स्कूली पाठ्यक्रम में हिंदी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसके प्रति विरोध जताया। राज्य में एनईपी के लागू होने के बाद मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा पहली से 5वीं तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया है। फिलहाल इन स्कूलों में कक्षा पहली से चौथी तक केवल मराठी और अंग्रेजी को अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाया जा रहा है। राज्य में हिंदी को थोपे जाने के खिलाफ प्रमुख राजनेताओं ने आवाज उठाई है। ठाकरे ने इसके विरोध में प्रदेशव्यापी आंदोलन की धमकी दी है।