Have mercy on the country legal education SC reprimands BCI let Murder convicts pursue LLB देश की कानूनी शिक्षा पर दया करो, बार काउंसिल को SC की फटकार; हत्या के दोषियों को दी LLB की इजाजत, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़Have mercy on the country legal education SC reprimands BCI let Murder convicts pursue LLB

देश की कानूनी शिक्षा पर दया करो, बार काउंसिल को SC की फटकार; हत्या के दोषियों को दी LLB की इजाजत

  • न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की, जब BCI ने केरल उच्च न्यायालय के 23 नवंबर 2023 के आदेश को चुनौती दी थी।

Amit Kumar पीटीआई, नई दिल्लीSat, 22 March 2025 06:50 AM
share Share
Follow Us on
देश की कानूनी शिक्षा पर दया करो, बार काउंसिल को SC की फटकार; हत्या के दोषियों को दी LLB की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसे कानूनी शिक्षा के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। अदालत ने साफ कहा कि यह काम विधि विशेषज्ञों और शिक्षाविदों का है।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की, जब BCI ने केरल उच्च न्यायालय के 23 नवंबर 2023 के आदेश को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने दो हत्या के दोषियों को वर्चुअल मोड में एलएलबी की पढ़ाई करने की अनुमति दी थी।

BCI को कड़ी फटकार

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा, "बार काउंसिल ऑफ इंडिया का कानूनी शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है... इसे विधि विशेषज्ञों और कानून शिक्षाविदों के लिए छोड़ दें। कृपया इस देश की कानूनी शिक्षा पर कुछ दया करें।"

BCI के वकील ने दलील दी कि सवाल केवल दोषियों को वर्चुअल कक्षाएं लेने की अनुमति देने का नहीं है, बल्कि यह यूजीसी के नियमों के खिलाफ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर दोषियों को ऊपरी अदालतें बरी कर देती हैं तो फिर क्या होगा? अदालत ने कहा कि BCI को इस तरह के "प्रगतिशील आदेश" का विरोध करने के बजाय समर्थन करना चाहिए था।

ये भी पढ़ें:जज कैशकांड में ट्विस्ट, फायर विभाग को नहीं मिला घर से कोई पैसा; SC क्या बोला?
ये भी पढ़ें:कैश मिलने के मामले में हाई कोर्ट के जज की मुश्किलें बढ़ीं, SC ने बैठा दी जांच

BCI की याचिका खारिज

BCI ने यह भी स्पष्ट किया कि वह उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग नहीं कर रहा, बल्कि केवल इस मामले में कानून से जुड़े व्यापक प्रश्नों पर विचार करने का अनुरोध कर रहा है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने BCI की याचिका को खारिज करते हुए केरल हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिससे दोनों दोषियों को ऑनलाइन मोड में एलएलबी की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिल गई।