उम्मीद है कि चीनी लोगों... पांच साल बाद फिर शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा; क्या बोला चीन
पांच साल के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर कैलाश मानसरोवर यात्रा का रास्ता खुला है। 750 श्रद्धालुओं का चुनाव लॉटरी सिस्टम के जरिए इस यात्रा के लिए हुआ है।

पांच साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो रही है। इस यात्रा के मद्देनजर गुरुवार को चीन ने भारत को यात्रा के दोबारा शुरू होने पर मुबारकबाद दी और भारतीय श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत किया है। चीन में भारतीय दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा रहे 750 भारतीय दोस्तों को दिली मुबारकबाद। उम्मीद है कि उन्हें आत्मिक शांति के साथ-साथ चीनी लोगों की मेहमाननवाजी का भी अनुभव होगा।"
कब से शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल की यात्रा जून से अगस्त के बीच दो रास्तों से होगी। पहला रास्ता उत्तराखंड के लिपुलेख पास से होगा और दूसरा रास्ता सिक्किम के नाथू ला के जरिए होगा। खास बात यह है कि दोनों रास्ते अब पूरी तरह मोटर वाहन के जरिए पूरी की जा सकेगी। इस सुविधा की वजह से यात्रियों को अब पहले जैसा कठिन ट्रैकिंग नहीं करनी पड़ेगी।
750 लोगों को लौटरी से हुआ चुनाव
यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह दिखा। 5561 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया, जिनमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं थीं। इनमें से कम्प्यूटर के जरिए निष्पक्ष और जेंडर-बैलेंस्ड लॉटरी सिस्टम से 750 श्रद्धालुओं का चयन हुआ है। लिपुलेख रास्ते से 5 बैच और नाथू ला से 10 बैच भेजा जाएगा, हर एक में 50-50 यात्री मौजूद होंगे।
5 साल बाद वापस से शुरू होगी यात्रा
गौरतलब है कि 2020 में कोविड महामारी और फिर लद्दाख में भारत-चीन के बीच सैन्य तनाव के चलते यह यात्रा रोक दी गई थी। लेकिन इस साल जनवरी में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी की बीजिंग यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इसे फिर से शुरू करने और जनसरोकार से जुड़ी पहलें करने पर सहमति जताई थी। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के मानने वालों के लिए बेहद पवित्र माने जाते हैं। इस यात्रा की बहाली को धार्मिक ही नहीं बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।