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गुरुग्राम में गड़बड़झाला,निगम अधिकारी ने ठेकेदार को अधूरी सड़क के दे दिए 3 करोड़

नगर निगम ने मई 2024 में गांव धुमसपुर स्थित एनकेवी कॉलोनी में सीवर लाइन डालने और टाइल्स लगाने के लिए दो करोड़ 59 लाख रुपये का टेंडर लगाकर ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें दो से तीन एजेंसियों ने आवेदन किया।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, गुरुग्रामWed, 21 May 2025 09:53 AM
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गुरुग्राम में गड़बड़झाला,निगम अधिकारी ने ठेकेदार को अधूरी सड़क के दे दिए 3 करोड़

नगर निगम गुरुग्राम के कार्यकारी अभियंता पर सड़क निर्माण का कार्य पूरा किए बिना ही ठेकेदार को तीन करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप लगा है, जबकि ठेकेदार को तीन करोड़ दस लाख रुपये का टेंडर दिया गया था। गलियों का निर्माण न होने से अब कॉलोनी के लोग निगम अधिकारियों के चक्कर लगा रहे।

दरअसल,नगर निगम गुरुग्राम द्वारा सेक्टर-67 स्थित गांव धुमसपुर की एनकेवी कॉलोनी में पानी की लाइन डालने और टाइल्स बिछाकर कॉलोनी की सभी गलियों को पक्का किया जाना था। यह कॉलोनी 2020 में ही निगम के क्षेत्र में शामिल हुई थी। इसको लेकर नगर निगम ने जून 2024 में गलियों को पक्का करने और पानी की लाइन बिछाने के लिए करीब ढाई करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार करके टेंडर लगाया था। आरोप है कि निगम के कार्यकारी अभियंता ने मिलीभगत करके अपने चहेते ठेकेदार को यह टेंडर तीन करोड़ दस लाख रुपये में जारी कर दिया।

नगर निगम ने मई 2024 में गांव धुमसपुर स्थित एनकेवी कॉलोनी में सीवर लाइन डालने और टाइल्स लगाने के लिए दो करोड़ 59 लाख रुपये का टेंडर लगाकर ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें दो से तीन एजेंसियों ने आवेदन किया। आरोप है कि कार्यकारी अभियंता ने पहले से मिलीभगत करके पहले से ही एजेंसियों के साथ बात करके तय एजेंसियों से आवेदन करवाया गया। इस कारण अन्य किसी भी एजेंसी को इस टेंडर में आवेदन नहीं करने दिया। यह टेंडर 20 फीसदी तक ऊपर के रेट ठेकेदार को अलॉट कर दिया। दो करोड़ 59 लाख के काम को तीन करोड़ 10 लाख रुपये में एजेंसी को अलॉट कर दिया।

नियमों के अनुसार इस टेंडर की अनुमति शहरी स्थानीय निकाय विभाग और निकाय मंत्री से लेनी होती है, लेकिन निगम अधिकारियों ने मिलीभगत करके तत्कालीन निगम आयुक्त से ही इस टेंडर की अनुमति लेकर ठेकेदार को यह टेंडर ज्यादा मूल्य में जारी कर दिया, जोकि नियमों के बिल्कुल खिलाफ है।

मुख्यमंत्री से शिकायत करने की तैयारी

कॉलोनी के लोगों को कार्यकारी अभियंता द्वारा दो से तीन घंटे तक कार्यालय के बाहर बैठाया गया। इसके बाद एक ही आदमी को अंदर बुलाकर बातचीत करके उसे बाहर भेज दिया। इसके बाद कॉलोनी के लोग मुख्य अभियंता और निगम आयुक्त से भी इसकी शिकायत कर चुके। अब कॉलोनी के लोग कष्ट निवारण समिति और मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी शिकायत करेंगे।

अवैध क्षेत्र में कर दिया गलियों का निर्माण

स्थानीय निवासी राहुल व जितेंद्र ने बताया कि नगर निगम गलियों के निर्माण और पानी की लाइन बिछाने के लिए जो नक्शा तैयार किया था, निगम अधिकारियों ने उसके अनुसार ना तो गलियों का निर्माण किया और ना ही पानी लाइन डाली गई। अधिकारियों ने कहीं पर गली बना दी तो कहीं पर छोड़ दी। जिन जगहों पर गलियों के निर्माण के लिए टाइल्स बिछाने का काम किया गया है, वहां घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है। नियमों के अनुसार टाइल्स के नीचे सीमेंट-रोड़ी का मसाले की एक परत लगाने होती है, लेकिन ठेकेदार ने मिट्टी के ऊपर ही टाइल्स डाल दी। वहीं काफी जगहों पर स्थानीय लोगों के कहने पर कॉलोनी के अवैध क्षेत्र में जाकर गलियों का निर्माण कर दिया और नियमित क्षेत्र को छोड़ दिया।