सुखबीर बादल का अकाली दल के प्रमुख पद से इस्तीफा मंजूर, बोले- दिल से निभाई जिम्मेदारी
- बैठक के बाद सुखबीर बादल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि शिअद के प्रतिनिधित्व ने उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने की जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे उन्होंने दिल से निभाया है।

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान (प्रमुख) पद से सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे को शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल की कार्यसमिति ने मंजूर कर लिया। कार्यसमिति सदस्यों ने इस्तीफे की स्वीकृति से पहले ऐतराज भी जताया परंतु बैठक के दौरान पार्टी के धर्मनिरपेक्ष संविधान, राजनीति पंजीकरण और श्री अकाल तख्त साहिब जी के आदेशों को ध्यान में रखते हुए सुखबीर के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया। ध्यान रहे सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब जी द्वारा तनखैया करार दिए जाने के बाद 16 नवंबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था लेकिन 18 नवम्बर को आयोजित कार्यसमिति की बैठक में शिअद नेताओं के भावुक होने पर इस्तीफे की मंजूरी अगली कार्यसमिति की बैठक तक टाल दी गई थी। वरिष्ठ अकाली नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बैठक के बाद बाकायदा इस्तीफे की मंजूरी की पुष्टि भी की। सुखबीर बादल स्वयं भी बैठक में मौजूद रहे।
विनम्र कार्यकर्ता के रूप में पार्टी और पंजाब की सेवा करता रखूंगा: सुखबीर
बैठक के बाद सुखबीर बादल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि शिअद के प्रतिनिधित्व ने उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने की जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे उन्होंने दिल से निभाया है। सुखबीर ने कहा कि 5 सालों से मैंने पार्टी की सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। अपना कार्यकाल पूरा होने पर ही मैंने अपना इस्तीफा कार्यसमिति को सौंप दिया है। किन्हीं कारणों से इस्तीफे को पहले स्वीकार नहीं किया जा सका था परंतु अब शिअद को नया प्रधान मिल सके इसलिए मैंने अपना इस्तीफा कार्यसमिति को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि वह कार्यकारिणी समिति पर अपना इस्तीफा स्वीकार करने के लिए दबाव डालने के लिए ही बैठक में आए थे।
उन्होंने शिअद के प्रधान के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दिए गए समर्थन के लिए समिति का आभार भी व्यक्त किया। बादल ने पंजाब और पंजाबियों के हित के लिए लड़ते हुए उन्हें अपना समर्थन देने वाले लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुझ पर जो प्यार और भरोसा जताया है, उससे मैं बहुत अभिभूत हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वह नए जोश और प्रतिबद्धता के साथ एक विनम्र कार्यकर्ता के रूप में पार्टी और पंजाब की सेवा करना जारी रखेंगे।
नए संगठनात्मक ढांचे का होगा पुनर्गठन
उधर, कार्यसमिति की बैठक के बाद डा. दलजीत चीमा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के संगठनात्मक ढांचे के पुनर्गठन के लिए 20 जनवरी से एक महीने तक चलने वाले सदस्यता अभियान की घोषणा की। अभियान 1 जनवरी से शुरू होगा जबकि पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव 1 मार्च को होगा। संगठनात्मक चुनावों के लिए गुलजार सिंह रणीके को मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया। हरजिंद्र सिंह धामी, किरपाल सिंह बडूंगर, मनप्रीत सिंह अयाली, संता सिंह उम्मेदपुर, इकबाल सिंह झुंडा, परमजीत सिंह सरना, मनजीत सिंह जी.के. और रघुजीत सिंह विर्क को संगठनात्मक चुनावों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं।
कृषि विपणन पर मसौदा ढांचे को खारिज करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं
बैठक में कार्यसमिति ने कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे पर कड़ा संज्ञान लिया, जिसके बारे में कहा गया कि यह पंजाब में पूरे कृषि विपणन ढांचे को नष्ट करने और निजीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश है। यह कहते हुए कि यह तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने के लिए किया जा रहा है, समिति ने कृषि विपणन पर मसौदा ढांचे को खारिज करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की। किसानों की शिकायतों पर आंखें मूंदने और वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को समाप्त करवाने के लिए कुछ भी न करने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ पंजाब सरकार की भी निंदा की।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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