बर्डफ्लू की जांच के लिए 105 कर्मियों का सैंपल, एक हफ्ते तक चिड़ियाघर बंद
Gorakhpur News - नोट: इस फाइल के इस्तेमाल का अनुरोध है। -------- - बाघिन शक्ति की बर्ड फ्लू

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू से बाघिन शक्ति की मौत के बाद हड़कंप मचा है। राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद मंगलवार को आरएमआरसी (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) की टीम ने चिड़ियाघर पहुंचकर 105 कर्मियों का सैंपल लिया। वहीं प्रशासन ने एहतिहातन आगामी 20 मई तक चिड़ियाघर को बंद कर दिया है। संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पूरे चिड़ियाघर को सैनिटाइज किया गया है। दुधवा टाइगर रिजर्व के मैलानी रेंज में रेलवे लाइन किनारे 10 मई, 2024 को मादा शावक घायल अवस्था में मिली थी।
उस समय उसकी उम्र करीब 10 माह थी। चोट की वजह से वह ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी। तभी इलाज के लिए उसे यहां चिड़ियाघर लाया गया था। ठीक होने के बाद उसे रेस्क्यू सेंटर में रखा गया। इसके बाद उसे बाड़े में छोड़ दिया गया। कुछ दिनों बाद अस्वस्थता की वजह से उसे दोबारा रेस्क्यू सेंटर में लाया गया। छह मई को उसने खाना और पीना छोड़ दिया। सात मई को उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टी आर्गन फेल्योर की बात सामने आई, लेकिन संक्रमण का पता नहीं चला। इस पर विसरा जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजा गया, जहां जांच में मौत की वजह बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। इसके बाद से ही चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है। इस बीच उसके इलाज और देखभाल में लगे सभी कर्मियों को क्वारंटीन कर दिया गया। मंगलवार को आरएमआरसी की टीम ने चिड़ियाघर पहुंच कर 105 कर्मियों के सैंपल लिए। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट बुधवार को आने की उम्मीद है। चार जानवरों की मौत से हड़कंप चिड़ियाघर में हाल के दिनों में चार जानवरों की मौत से हड़कंप मचा है। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना भी अचानक 9 मई को चिड़ियाघर पहुंचकर हालात का जायजा ले चुके हैं। इसके बाद बाघिन की बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि के बाद शासन तक हलचल मच गई है। बाघिन की तरह मादा भेड़िया की भी मौत हुई थी, पोस्टमार्टम में मल्टी आर्गन फेल्योर रिपोर्ट हुआ था लेकिन संक्रमण की वजह नहीं पता चली थी। इन जानवरों की मौत बाघ केसरी : 30 मार्च को भारी भरकम बाघ केसरी ने दम तोड़ दिया था। पीलीभीत से उसे रेस्क्यू कर लाया गया था। बाघिन शक्ति : 07 मई को करीब दो साल उम्र की शक्ति की मौत हो गई। उसे मैलानी से रेस्क्यू कर लाया गया था। पोस्टमार्टम में बहुअंग विफलता की रिपोर्ट थी। भेड़िया भैरवी : 09 मई को मादा भेड़िया की मौत हो गई। आदमखोर भेड़िया को बहराइच से रेस्क्यू कर लाया गया था। पोस्टमार्टम में बहुअंग विफलता की रिपोर्ट थी। तेंदुआ मोना : 10 मई को तेंदुआ मोना की मौत हो गई। मादा तेंदुआ कैंसर से जूझ रही थी। बाघिन शक्ति की बर्ड फ्लू से मौत की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर के 105 कर्मियों और अधिकारियों के सैंपल आरएमआरसी की टीम ने लिए हैं। सभी को क्वारंटीन किया गया है। सभी बड़े वन्य जीवों की जांच भी जल्द होगी। विकास यादव, निदेशक, चिड़ियाघर बाघ अमर, सफेद बाघिन गीता के साथ विदेशी पक्षियों की भी होगी जांच गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता चिड़ियाघर में बाघिन शक्ति की मौत के बाद बाघ अमर, बाघिन मैलानी, सफेद बाघिन गीता सहित विदेशी पक्षियों की बर्ड फ्लू जांच होगी। चिड़ियाघर प्रशासन इन जानवरों का सैंपल दो से तीन दिनों में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजेगा। चिड़ियाघर प्रशासन का का कहना है कि प्राथमिक स्तर नौ और 10 मई को आईआरवीआई बरेली की टीम ने जब अन्य जानवरों की जांच की गई थी तो सभी वन्यजीव स्वस्थ पाए थे। लेकिन, बर्ड फ्लू के बाद फिर से इन जानवरों की जांच का फैसला लिया गया है। जानवरों के बाड़े से महज कुछ ही दूरी पर वेटलैंड में काफी संख्या में विदेशी पक्षी भी रहते हैं । मंगलवार को इनकी भी जांच की गई। चिड़ियाघर प्रशासन ने एहतियातन इन पक्षियों की जांच का भी फैसला लिया है। इन सबके बीच बीमार और उम्रदराज जानवरों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। जलाशयों का हुआ सैनिटाइजेशन बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए मंगलवार को चिड़ियाघर के वेटलैंड का भी सैनिटाइजेशन कराया गया। इसके अलावा रामगढ़ताल के किनारों को भी सैनिटाइज किया गया। कौआ और नेवले ने बढ़ाई मुसीबत गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की दस्तक के बीच कौआ और नेवले ने मुसीबत बढ़ा दी है। कौओं की अधिक संख्या से अन्य वन्य जीवों को बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। आईवीआरआई बरेली की टीम ने भी चिड़ियाघर में कौओं की संख्या पर चिंता जताई है। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि कही कौओं की वजह से तो चिड़ियाघर में बीमारियां नहीं फैल रही है। बताया जा रहा है कि चिड़ियाघर में कौओं को अच्छा भोजन मिल जा रहा है। इसकी वजह से इनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसी बीच हर सप्ताह दो से तीन कौओं की मौत भी हो जा रही है। पशु विशेषज्ञों का मानना है कि कौओं में भी बर्ड फ्लू के वायरस होने की संभावना 90 फीसदी रहती है। वहीं, दूसरी तरफ बाघिन शक्ति के रेस्क्यू सेंटर में भी तीन से चार पक्षी मरे मिले थे, जिन्हें जू-कीपरों ने बिना किसी को सूचना दिए ही फेंक दिया था। इन पक्षियों से भी बर्ड फ्लू फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसके अलावा आईवीआरआई की टीम जब चिड़ियाघर में पहुंची तो उनके सामने भी सैकड़ों कौवे और अच्छी खासी संख्या में नेवले दिखाई दिए थे। इस पर टीम ने कौओं को हटाने का सलाह भी दी है। लेकिन, चिड़ियाघर प्रशासन को समझ नहीं आ रहा है कि वह इन कौओं को हटाए तो कैसे? पक्षियों के साथ मनुष्यों में भी फैलता है एच-5 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस बाघिन शक्ति में बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक वायरस मिला है। इस वायरस को एच-5 एवियन इन्फ्लूएंजा कहते हैं। इस वायरस का असर पक्षियों के साथ-साथ मनुष्यों में फैलता है। संक्रमण ज्यादा होने पर 50 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। जबकि, जानवरों में यह दर 80 से 85 फीसदी है। ------------ गौशालाओं में होगी बर्ड फ्लू जांच, सैंपल के दायरे बढ़ाएंगे गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के दस्तक का मामला शासन तक पहुंच गया है। इसे लेकर शासन ने सख्ती दिखाते हुए गोशालाओं में बर्ड फ्लू जांच के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा हर माह राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजे जाने वाले सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से पशुपालन विभाग ने तय किया है कि अब हर माह 200 से अधिक बर्ड फ्लू जांच के सैंपल भेजे जाएंगे। गोरखपुर और बस्ती मंडल से हर माह 105 सैंपल बर्ड फ्लू जांच के लिए मंडलीय प्रयोगशाला से राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल भेजा जाता है। मार्च तक हुई जांच में गोरखपुर और बस्ती मंडल के किसी भी जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अचानक चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। इसे लेकर मुख्य सचिव ने मंगलवार को पशुपालन विभाग के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर निर्देश जारी किए हैं। पिछले साल भेजे गए थे 1500 सैंपल डॉ. धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि जिले में 248 पोल्ट्री फार्म हैं, जिनमें 23 लाख 70 हजार 500 चूजे हैं। पिछले साल मंडल से पोल्ट्री फार्मों से इकट्ठा कर 1500 सैंपल भेजे गए थे। इनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई थी। अब तक इस साल 315 सैंपल भेजे जा चुके हैं, जिसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें भी बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। बताया कि अब अप्रैल के सैंपल रखे गए हैं, जिसे जल्द ही जांच के लिए भेजा जाएगा। गोशालाओं में साफ-सफाई के साथ बर्ड फ्लू जांच के निर्देश मिले हैं। इसके अलावा सर्विलांस और मॉनिटरिंग बढ़ाने की बात कही गई है। इस पर फैसला लिया गया है कि अब हर माह 200 सैंपल मंडल से भेजे जाएंगे। गोशालाओं के आसपास के इलाकों के सैंपल भी अब लिए जाएंगे। इसके लिए रैपिड रिस्पांस टीम को एक्टिव किया गया है। डॉ. धर्मेंद्र पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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