इस SUV को सेफ्टी क्रैश टेस्ट में मिले 5-स्टार, कंपनी ने फिर मनवाया अपना लोहा; जबरदस्त सुरक्षा के साथ भारत आ रही ये कार
फॉक्सवैगन टेरॉन (Volkswagen Tayron) जबरदस्त सेफ्टी के साथ भारत आ रही है। इस SUV ने हाल ही में यूरो NCAP क्रैश टेस्ट में 5-स्टार अंक हासिल किए हैं। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।

फॉक्सवैगन (Volkswagen) की दमदार SUV टेरॉन (Tayron) को भारत में जल्द लॉन्च किया जाना है। इसने यूरोपियन सेफ्टी टेस्ट (Euro NCAP) में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5-स्टार रेटिंग हासिल की है। इसीलिए, आज हम यहां आसान भाषा में जानेंगे कि इस SUV ने यह कमाल कैसे किया और भारत में ये कार बड़ी हिट क्यों हो सकती है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
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सेफ्टी स्कोर की झलक
सेफ्टी पैरामीटर स्कोर की बात करें तो इस एसयूवी ने एडल्ट सेफ्टी (Adult Occupant) में 87% स्कोर हासिल किया है। वहीं, चाइल्ड सेफ्टी (Child Occupant) के मामले में इसने 85% स्कोर हासिल किया है। पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षा 83% है। इसके अलावा सेफ्टी असिस्ट फीचर्स में इसने 80% स्कोर हासिल किया है।
कैसी है यह गाड़ी?
टेस्ट में इस्तेमाल की गई टेरॉन एसयूवी (Tayron SUV) एक 2.0-लीटर TDI डीजल इंजन वाली लेफ्ट-हैंड ड्राइव वैरिएंट थी। लेकिन, यूरो NCAP (Euro NCAP) की रिपोर्ट के अनुसार यह 5-स्टार रेटिंग टेरॉन (Tayron) के सभी वैरिएंट्स पर लागू होती है। यानी भारत में आने वाली राइट-हैंड ड्राइव वर्जन भी उतनी ही सुरक्षित होगी।
सेफ्टी फीचर्स जो टेरॉन को बनाते हैं खास
इसमें फ्रंट और साइड एयरबैग्स मिलते हैं। इसके अलावा इसमें ISOFIX चाइल्ड सीट माउंट मिलता है। इस एसयूवी में सीटबेल्ट रिमाइंडर, ऑटोनॉमस एमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB), लेन डिटेक्शन सिस्टम और थकान पहचानने वाला सिस्टम (Fatigue Detection) दिया गया है।
क्रैश टेस्ट का फाइनल एनालिसिस
फ्रंटल क्रैश टेस्ट में ड्राइवर और पैसेंजर दोनों की घुटनों और जांघों की सुरक्षा काफी प्रभावशाली रही। साइड इम्पैक्ट टेस्ट में गाड़ी ने सभी महत्वपूर्ण अंगों को बेहतरीन सुरक्षा दी। हालांकि, साइड पोल इम्पैक्ट (पेड़ या खंभे से टक्कर) में चेस्ट प्रोटेक्शन को मार्जिनल (Marginal) बताया गया। वाटर सबमर्शन (गाड़ी पानी में डूबने की स्थिति) में टेरॉन (Tayron) के डोर और विंडो आसानी से खुल सकेंगी। इसका मतलब है कि बाहर निकलने का रास्ता सुरक्षित रहेगा।
बच्चों की सेफ्टी में भी नंबर-1
6 और 10 साल के डमीज के साथ टेस्टिंग में टेरॉन (Tayron) ने सभी जरूरी अंगों की शानदार सुरक्षा दी। पैसेंजर एयरबैग को बंद करने का विकल्प है, ताकि आप रियर-फेसिंग चाइल्ड सीट लगा सकें। टेरॉन (Tayron) में एक चाइल्ड प्रजेंस डिटेक्शन सिस्टम (Child Presence Detection System) भी है, जो अंदर छूटे हुए बच्चे की पहचान कर अलर्ट देता है।
पैदल यात्रियों और दोपहिया चालकों की सुरक्षा
बोनट और बंपर की बनावट ने सिर, घुटनों और पैरों को अच्छी सुरक्षा दी है। हालांकि, फ्रंट पिलर और विंडशील्ड के कुछ हिस्से थोड़े कमजोर रहे। AEB सिस्टम पैदल यात्री, साइकिल चालक, मोटरसाइकिल और कारों के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया देता है।
भारत में क्या उम्मीद करें?
टेरॉन (Tayron) भारत में हुंडई टुक्सन (Hyundai Tucson), जीप कंपास (Jeep Compass) और सिट्रोएन C5 एयरक्रॉस (Citroën C5 Aircross) जैसी गाड़ियों को कड़ी टक्कर दे सकती है। इसकी शानदार सेफ्टी रेटिंग और प्रीमियम लुक भारतीय ग्राहकों को काफी लुभा सकती है। अगर फॉक्सवैगन (Volkswagen) इसे कंपेटिटिव प्राइसिंग के साथ लॉन्च करती है, तो यह SUV सेगमेंट की गेम-चेंजर बन सकती है।
फॉक्सवैगन टेरॉन (Volkswagen Tayron) सिर्फ एक SUV नहीं है, बल्कि एक चलता-फिरता सेफ्टी किला है। इसके 5-स्टार यूरो NCAP (Euro NCAP) रेटिंग ने साबित कर दिया है कि यह गाड़ी सिर्फ लुक्स में नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस और सुरक्षा में भी दमदार है। अब देखना होगा कि भारत में इसकी लॉन्चिंग कब होती है और कीमत क्या रखी जाती है। अगर आप एक सुरक्षित और स्टाइलिश SUV की तलाश में हैं, तो टेरॉन (Tayron) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
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