गर्मी से बचने के चक्कर में फंसे कार मालिक, पुलिस ने सड़क पर उतारकर काट दिया चालान; आप मत करिएगा ये गलती
भीषण गर्मी में राहत के लिए कार के शीशों पर सनफिल्म लगाना आपके लिए मुसीबत बन सकता है। इसलिए, पुलिस ने कारों के शीशों से सनफिल्म हटाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस ऑन-द-स्पॉट चालान भी काट रही है।

मई का महीना अभी शुरू ही हुआ है और देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है। ऐसे में कार चलाना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। लोग तेज धूप और चुभती गर्मी से राहत पाने के लिए सनफिल्म (Sunfilm) का सहारा ले रहे हैं। लेकिन, अब कर्नाटक समेत कई राज्यों में पुलिस ने सनफिल्म हटाओ अभियान (Anti-Sunfilm Drive) शुरू कर दिया है और इसके तहत न सिर्फ चालान कट रहा है, बल्कि कारों से ऑन-द-स्पॉट फिल्म भी उतारी जा रही है।
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क्या है सनफिल्म और क्यों है बैन?
सनफिल्म एक पतली परत होती है, जिसे कार की खिड़कियों और शीशों पर चिपकाया जाता है, ताकि धूप से राहत मिल सके। लेकिन, 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अविषेक गोइंका (Avishek Goenka) बनाम भारत सरकार केस में यह साफ कह दिया कि किसी भी प्रकार की काली फिल्म या टिंटेड शीट्स कार की खिड़कियों या विंडशील्ड पर नहीं लगाई जा सकती, चाहे उसमें कितनी भी रोशनी पास हो रही हो।यह नियम 4 मई 2012 से लागू हुआ था।
इसका मुख्य कारण कारों के अंदर होने वाली आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी थी। काली शीशों वाली कारों का इस्तेमाल अक्सर अपराधों में होता था, क्योंकि बाहर से देखने पर अंदर के व्यक्ति को पहचानना मुश्किल होता है।
मैसूर और मैंगलोर पुलिस का अभियान
मैसूर ट्रैफिक पुलिस ने 14 मई 2025 को चेकिंग अभियान चलाया। इसमें 150 से ज्यादा कारें पकड़ी गईं। कार से सनफिल्म को वहीं उतारा गया और 500 रुपये का चालान भी काटा गया। इससे पहले मैंगलोर में ऐसे ही ड्राइव में 500 से ज्यादा गाड़ियों पर कार्रवाई हुई थी और करीब 2.53 लाख का जुर्माना वसूला गया था।
गर्मी में क्यों लगाते हैं लोग सनफिल्म?
तेज गर्मी में AC का असर कम होने लगता है, जिससे कार का कूलिंग सिस्टम ठप हो सकता है। कंप्रेसर ज्यादा मेहनत करता है, जिससे फ्यूल खपत बढ़ती है और कंप्रेसर जल्दी खराब होता है। तेज धूप में डैशबोर्ड, स्टीयरिंग और सीटें जलने लगती हैं, जिससे ड्राइव करना मुश्किल होता है।
क्या है समाधान?
कुछ कार कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), BMW, मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) पहले से ही UV Cut ग्लासेस देती हैं, जो बिना किसी टिंट के ही धूप की गर्मी को काफी हद तक कम कर देते हैं। महंगे लेकिन कानूनी सनफिल्म्स भी मार्केट में उपलब्ध हैं, जो बहुत डार्क नहीं होतीं और कुछ राज्यों (जैसे केरल) में इन्हें सीमित रूप से अनुमति भी दी जा रही है। केरल हाईकोर्ट ने 2024 में ऐसा फैसला दिया, जिसमें सीएमवी नियमों के 100वें संशोधन का हवाला देते हुए कुछ सनफिल्म्स को मंजूरी दी गई।
गर्मी से राहत के लिए गैरकानूनी रास्ता अपनाना महंगा पड़ सकता है। चाहे मौसम कितना भी गर्म हो, सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी कार ठंडी रहे और आपको कोई कानूनी झंझट न हो, तो फैक्ट्री फिटेड UV ग्लास वाली गाड़ी लें। लीगल सनफिल्म्स ही चुनें, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन न करें। सफेद कपड़ा या सनशेड्स का अस्थायी (ड्राइविंग के दौरान नहीं) इस्तेमाल करें।
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