रेल लाइन निर्माण में होगा अमृत सरोवरों की गाद का उपयोग
फोटो : सतीश हिन्दुस्तान विशेष : - रेलवे बोर्ड निर्माण स्थल तक गाद पहुंचाने के

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता/सोमनाथ सत्योम। रेल लाइनों के निर्माण में अमृत सरोवरों की गाद और मिट्टी का उपयोग होगा। इससे रेल लाइन की आधार (मूलभूत संरचना) तैयार की जाएगी। इसे लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने पूमरे के जीएम छत्रसाल सिंह को पत्र भेजा है। पत्र के आलोक में पूमरे के सोनपुर, समस्तीपुर सहित सभी रेल मंडलों में अमृत सरावरों के रूप में विकसित करने के लिए तालाबों की तलाश शुरू कर दी गई है।
दरअसल, रेलवे अपने अधीन और रेल लाइन किनारे स्थित तालाबों को चिह्नित कर रहा है, ताकि अमृत सरोवर योजना से उससे गाद-मिट्टी निकालकर भूजल स्तर बढ़ाया जा सके। साथ ही मिट्टी व गाद का भी इस्तेमाल किया जा सके। इसके साथ ही रेलवे को उनकी खाली जगह पर भी सरोवर का निर्माण कराने को कहा गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने जिलों के डीएम को गाद व मिट्टी निकालने की प्रक्रिया में इस्तेमाल आने वाले संसाधन की व्यवस्था रेलवे को उपलब्ध कराने को निर्देशित किया है।
हर जिले में बनाने हैं 75 अमृत सरोवर :
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अप्रैल 2022 में अमृत सरोवर योजना शुरू की थी। इसके तहत हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाना या पुनरुद्धार करना था। इस तरह पूरे देश में कुल 50,000 तालाब बनाएं जाने थे। बताया गया कि अक्टूबर 2024 तक 68,000 से अधिक सरोवर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में भूजल की उपलब्धता बढ़ी है। इस प्रयास को बढ़ाने के लिए अब यह प्रस्ताव रेलवे को भी भेजा गया है।
मुजफ्फरपुर से जुड़े तीनों सेक्शन में हैं 25 सरोवर :
बताते हैं कि सोनपुर रेल मंडल के अंतर्गत हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के किनारे 11 सरोवर यानी वाटर बॉडी हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर-कपरपुरा सेक्शन पर माड़ीपुर पोखर सहित आधा दर्जन जलस्रोत हैं। वहीं मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड के किनारे और रेलवे के अंतर्गत आठ सरोवर हैं। यहां से गाद व मिट्टी निकालने की तैयारी है। बताया गया कि सर्वे में सरोवरों की संख्या बढ़ सकती है। सर्वे पूरा होने के बाद ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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