बायजू मामले में बीसीसीआई, रिजु रवींद्रन को झटका, NCLAT ने खारिज की याचिका
- बता दें कि अमेरिका स्थित ग्लास ट्रस्ट सीओसी का एक सदस्य है और बायजू को 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज देने वाले ऋणदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने बीसीसीआई और रिजु रवींद्रन द्वारा बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही वापस लेने की अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही NCLAT ने कर्ज में डूबी शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी तथा शीर्ष क्रिकेट निकाय के बीच समझौते पर विचार करने की याचिका को रद्द कर दिया।
एनसीएलटी के आदेश को दी गई थी चुनौती
याचिका में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने 10 फरवरी, 2025 को नए कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के सामने अपने समझौते के प्रस्ताव को रखने का निर्देश दिया था। बता दें कि अमेरिका स्थित ग्लास ट्रस्ट सीओसी का एक सदस्य है और बायजू को 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज देने वाले ऋणदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
NCLAT की चेन्नई पीठ के न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और न्यायमूर्ति जतिंद्रनाथ स्वैन ने एनसीएलटी के निर्देशों को बरकरार रखा और कहा कि निपटान प्रस्ताव सीओसी के गठन के बाद दायर किया गया था, इसलिए दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता की धारा 12ए के प्रावधानों के अनुसार इसे ऋणदाता निकाय की मंजूरी की जरूरत है। आईबीसी की धारा 12ए दिवालियेपन से बाहर निकलने का रास्ता निर्धारित करती है।
दर्ज कराई थी प्राथमिकी
गहरे वित्तीय संकट में फंसी कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने हाल ही में पूर्व समाधान पेशेवर (आरपी), अमेरिकी कर्जदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक ट्रस्टी और ईवाई के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह कार्रवाई ग्लास ट्रस्ट द्वारा बायजू और उसके शीर्ष अधिकारियों पर 53.3 करोड़ डॉलर की हेराफेरी का आरोप लगाने के बाद हुई। बीते दिनों बायजू के संस्थापकों ने बयान में कहा था हाल ही में दायर मुकदमे में ग्लास ट्रस्ट द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और असत्य हैं। यह मुकदमा सभी संभावित नापाक तरीकों से कंपनी पर नियंत्रण हासिल करने की उनकी साजिश का एक हिस्सा है।