इंडसइंड बैंक को मार्च तिमाही में भारी घाटा, लेकिन उससे भी बड़ी चिंता की बात यह है...
Indusind Bank Latest Updates: 20 साल में पहली बार इंडसइंड बैंक Q4 में 2,328 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है, मगर इस नुकसान से भी ज्यादा बड़ी समस्या बैंक के सामने है…

Indusind Bank Latest Updates: इंडसइंड बैंक के मार्च तिमाही के नतीजे बेहद निराशाजनक रहे। बैंक को इस दौरान 2,328 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जो पिछले लगभग 20 साल में पहली बार हुआ है। मगर, इस नुकसान से भी ज्यादा बड़ी समस्या बैंक के सामने है, कॉर्पोरेट लोन बुक यानी कंपनियों को दिए गए कर्ज में गिरावट। इंडसइंड बैंक के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती कॉर्पोरेट कर्जदाताओं का भरोसा वापस जीतना और उन्हें फिर से अपनी ओर आकर्षित करना है। नहीं तो, यह गिरावट बैंक के भविष्य के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
कॉर्पोरेट लोन बुक इतना अहम क्यों है?
कॉर्पोरेट लोन आमतौर पर बड़े आकार के होते हैं और इनसे बैंकों को अच्छा मुनाफा मिलता है। बड़ी कंपनियों का किसी बैंक से लोन लेना उस बैंक पर भरोसे का संकेत माना जाता है, लेकिन अब कंपनियां बैंकों की जगह शेयर बाज़ार या डेब्ट मार्केट से पैसा जुटा रही हैं। इससे कई बैंकों के कॉर्पोरेट लोन बुक की रफ्तार धीमी हुई है।
लोन बुक में 15.7% की भारी गिरावट
इस तिमाही इंडसइंड बैंक अकेला ऐसा बैंक रहा, जिसके कॉर्पोरेट लोन बुक में पिछली तिमाही और पिछले साल की तुलना में गिरावट दर्ज हुई। जनवरी-मार्च 2024 में इसके कॉर्पोरेट लोन बुक में 15.7% की भारी गिरावट आई, जो इस क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
दुर्भाग्य से यह गिरावट वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में हुई, जो आमतौर पर बैंकों के लिए सबसे अच्छी तिमाही मानी जाती है। इससे सवाल उठ रहा है, "क्या कंपनियों ने इंडसइंड बैंक पर भरोसा खो दिया है?"
दूसरे बैंकों का क्या हाल है?
इसके उलट, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (State Bank of India) का कॉर्पोरेट लोन बुक मार्च 2025 तिमाही में 5.5% बढ़ा, जबकि उसका कुल लोन बुक सिर्फ़ 3.8% ही बढ़ पाया। यानी, इंडसइंड बैंक की समस्या बाकी बैंकों से अलग है।