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जोमैटो के सपोर्ट वाली कंपनी IPO के लिए तैयार, सेबी को गुपचुप दिया आवेदन

शिपरॉकेट आईपीओ के जरिए लगभग 2,000-2,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इस आईपीओ में फ्रेश इश्यू और मौजूदा निवेशकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानWed, 21 May 2025 06:50 PM
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जोमैटो के सपोर्ट वाली कंपनी IPO के लिए तैयार, सेबी को गुपचुप दिया आवेदन

Shiprocket IPO: जोमैटो और टेमासेक द्वारा समर्थित लॉजिस्टिक्स टेक कंपनी शिपरॉकेट ने आईपीओ की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने प्री-फाइलिंग रूट के तहत सेबी के साथ गोपनीय रूप से ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करके लिस्टिंग की दिशा में अपना पहला औपचारिक कदम उठाया है।

क्या है आईपीओ की डिटेल

कंपनी आईपीओ के जरिए लगभग 2,000-2,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इस आईपीओ में फ्रेश इश्यू और मौजूदा निवेशकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल है। शिपरॉकेट ने एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड को मर्चेंट बैंकर के रूप में शामिल किया है।

शिपरॉकेट ने सेबी की गोपनीय फाइलिंग प्रणाली को चुना है, जो कंपनियों को आईपीओ के करीब आने तक संवेदनशील व्यावसायिक विवरणों के पब्लिक डोमेन में नहीं रखने की अनुमति देता है। इस रूट का उपयोग पहले बोट, फिजिक्सवाला और स्विगी जैसे अन्य हाई-प्रोफाइल स्टार्टअप द्वारा किया गया है।

2012 में वजूद में आई कंपनी

2012 में स्थापित, शिपरॉकेट पूरे भारत में 100,000 से अधिक डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड और छोटे विक्रेताओं के लिए एंड-टू-एंड लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन प्रोवाइड करता है। कंपनी ने ई-कॉमर्स शिपमेंट को सक्षम करने में अपनी पहचान बनाई है। कंपनी खासकर टियर-II और टियर-III शहरों में दबदबा बना रही है। शिपरॉकेट के पास वर्तमान में 4,00,000 से अधिक व्यापारी हैं और यह भारत भर में 19,000 पिन कोड को कवर कर रही है। कंपनी की पहुंच 160 से अधिक देशों तक है।

वित्त वर्ष 24 में कंपनी ने 1,316 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21% अधिक था। हालांकि रॉकेटबॉक्स, ओमुनी और पिकर सहित कई अधिग्रहणों को एकीकृत करने के वित्तीय प्रभाव के कारण इसका घाटा बढ़कर 595 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल कंपनी ने 1.2 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर फंडिंग एक्सटेंशन राउंड में 219 करोड़ रुपये जुटाए। इसमें कोच ग्रुप, एमयूएफजी बैंक, ट्राइब कैपिटल और सस्केहना जैसे नए निवेशकों के साथ-साथ मौजूदा बैकर्स टेमासेक, बर्टेल्समन, पेपाल और इन्फो एज वेंचर्स शामिल थे।

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