आयुष्मान मित्र जल्द उपलब्ध कराएं, इलाज में देरी न हो : निदेशक
रांची में आयुष्मान योजना के तहत कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस और न्यूरोलॉजी के मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा। रिम्स के निदेशक ने स्टेंट और इंप्लांट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के...

रांची, संवाददाता। आयुष्मान योजना के तहत कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस, न्यूरोलॉजी में स्टेंट और इंप्लांट लगाने वाले मरीजों को समय से इलाज मिलेगा। इसके लिए रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार ने संबंधित विभागों में आयुष्मान मित्र अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट में विलंब न हो, इसको डिजिटल मोड से संबंधित चिकित्सक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। निदेशक ने कहा कि स्टेंट और इंप्लांट की खरीदारी में होने वाली देरी को दूर करने के लिए प्रबंधन की ओर से आवश्यक वस्तुओं के निविदा के माध्यम से क्रय के लिए रेट कॉन्ट्रैक्ट किया जा रहा है। प्रबंधन के अनुसार, निविदा की लंबी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। ऑर्डर दिए जा रहे हैं और 2 से 3 सप्ताह में स्टोर में उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। सीमित संसाधन एवं मैनपावर की कमी के बावजूद प्रबंधन की ओर से स्टोर में अधिकतर वस्तुओं को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। प्रबंधन ने पहले ही सभी स्टोर इंचार्ज को 6 महीने तक का स्टॉक उपलब्ध रखने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि हिन्दुस्तान के मंगलवार के अंक में रिम्स का आयुष्मान! पैसे वालों का तुरंत, गरीबों को सात दिनों में स्टेंट शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद प्रबंधन ने इन चीजों को ठीक करने के लिए यह निर्णय लिए हैं।
स्टोर में अनुपलब्धता पर अमृत फार्मेसी से कराया जाता है उपलब्ध
प्रबंधन ने देर होने के कई कारण गिनाए हैं, जिसमें बताया गया कि स्टोर में अनुपलब्धता होने पर वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के मरीजों के लिए स्टेंट और इंप्लांट अमृत फार्मेसी के माध्यम से मुहैया कराई जाती है। इसके लिए चिकित्सा अधीक्षक से अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। अमृत फार्मेसी की ओर से डिस्ट्रीब्यूटर को मांग पत्र भेजा जाता है। डिस्ट्रीब्यूटर की ओर से इन वस्तुओं को उपलब्ध कराया जाता है। कई बार डिस्ट्रीब्यूटर कुछ कंज्यूमेबल्स की उपलब्धता की कमी का हवाला देते हैं, जिस कारण से भी इलाज में विलंब होता है।
प्रबंधन बोला- रजिस्ट्रेशन के अनुमोदन में 12 घंटे का समय
आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज हेतु पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है। रिम्स में बहुत से मरीज ऐसे होते हैं, जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता है। इसके लिए राशन या आधार कार्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। नए रजिस्ट्रेशन के अनुमोदन में कम से कम 12 घंटे का समय लग जाता है। रजिस्ट्रेशन के बाद आवश्यक रक्त जांच, ईसीजी, ईको, कोरोनरी एंजियोग्राफी आदि की रिपोर्ट पोर्टल पर अनुमोदन हेतु जमा करनी होती है। इन रिपोर्ट के जमा होने के पश्चात इनके अनुमोदन में लगभग 6 घंटे या कभी-कभी 24 घंटे भी लग जाते हैं।
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