बच्चों को जरूर सिखाएं नीम करोली बाबा के ये 4 मूल मंत्र, जीवन में कभी नहीं होंगे असफल Neem Karoli Baba 4 Success Mantras for students

बच्चों को जरूर सिखाएं नीम करोली बाबा के ये 4 मूल मंत्र, जीवन में कभी नहीं होंगे असफल

बच्चों को सफल और एक अच्छा इंसान बनाना है, तो उनमें कुछ अच्छे संस्कार और अच्छी आदतें डालना बेहद जरूरी है। श्री नीम करोली बाबा के बताए गए ये मूल मंत्र आपके बच्चों को जीवन में बहुत आगे ले कर जाएंगे।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानWed, 21 May 2025 02:10 PM
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बच्चों को जरूर सिखाएं नीम करोली बाबा के ये 4 मूल मंत्र, जीवन में कभी नहीं होंगे असफल

सदियों में किसी एक ऐसे संत का जन्म होता है, जिनका लोगों के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। उनके जीवनकाल के बाद भी लोगों के मन में उनके प्रति श्रद्धा, आस्था और उनकी बताई गई बातें जिंदा रहती हैं। ऐसे ही हैं श्री नीम करोली बाबा, जिन्हें उनके भक्त स्वयं महाबली हनुमान का अवतार बताया करते हैं। उनका सरल व्यक्तित्व और स्पष्ट विचार, आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। उनका मानना था कि यदि बचपन से ही बच्चों में सही आदतें डाल दी जाएं, तो उम्रभर वो एक सही दिशा पर बने रहते हैं। ये आदतें ही आगे जा कर बच्चे को जीवन में सफल और एक अच्छा इंसान बनाती हैं। तो चलिए आज नीम करोली बाबा के बताए गए कुछ मूल मंत्रों के बारे में जानते हैं, जो आपके बच्चों के लिए सक्सेज के दरवाजे खोल देंगे और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करेंगे।

सुबह जल्दी उठने की आदत डालें

ज्यादातर लोग जो जीवन में कुछ बहुत अच्छा करते हैं, उनमें यह एक आदत कॉमन जरूर पाई जाती है कि वो सभी सुबह जल्दी उठते हैं। नीम करोली बाबा स्वयं भी सुबह जल्दी उठा जाया करते थे और अपनी दिनचर्या और पूजा-पाठ शुरू कर देते थे। रोज सुबह जल्दी उठने से बच्चों में एक डिसिप्लिन बनता है, जो पूरी लाइफ काम आता है। सुबह जल्दी उठकर बच्चों के पास बहुत समय होता है और वो अपने दिन का भरपूर उपयोग कर पाते हैं।

सही दिनचर्या का होना है बहुत जरूरी

नीम करोली बाबा अक्सर कहा करते थे कि बच्चों के लिए एक सही दिनचर्या का होना बहुत जरूरी है। जब बच्चे रोजाना दिनचर्या के हिसाब से अपना हर काम करते हैं, तो उनमें जिम्मेदारी और अनुशासन जैसे गुण आते हैं। वो अपने दिन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल भी कर पाते हैं। नीम करोली बाबा अक्सर अनुशासन पर काफी जोर दिया करते थे। उनका कहना भी था कि यदि जीवन को संयम और अनुशासन के साथ जीएं तो उसका भरपूर पाया जा सकता है।

आध्यात्म से जुड़ना है बेहद जरूरी

नीम करोली बाबा नियमित रूप से धार्मिक ग्रंथ पढ़ा करते थे। सुबह पूजा पाठ और ईश्वर का ध्यान करने के बाद, उनका ज्यादातर समय इन धर्म ग्रंथों के साथ ही गुजरता था। उनका कहना था कि रामायण, महाभारत जैसे धर्म ग्रंथ सिर्फ धर्म का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि जीवन से जुड़े कई सवालों का जवाब भी इन्हें पढ़कर ही मिल जाता है। ये जीवन को सही दिशा दिखाने का काम करते हैं। ऐसे में आप भी बच्चों में बचपन से ही इन धार्मिक ग्रंथों और कहानियों को पढ़ने की आदत डाल सकते हैं। इससे बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित होंगे और जीवन में वो हमेशा सदमार्ग की ओर ही बढ़ेगा।

दूसरों की मदद करने की आदत डालें

नीम करोली बाबा ने अपना पूरा जीवन लोगों के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने हर जरूरतमंद की मदद की और उनके प्रति एक सेवाभाव रखा। उनका कहना भी यही था कि मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म जरूरतमंदों की मदद करना है और सबसे बड़ा कर्तव्य भी दूसरे के बारे में सेवाभाव रखना है। इसलिए बचपन से बच्चों को दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से बच्चों में दयालुता और करुणा की भावना विकसित होती है। ऐसे बच्चे बड़े हो कर ज्यादा जिम्मेदार और सफल बनते हैं।

(Image Credit: Pinterest)

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