Boycott turkiye, Mustafa Kemal Ataturk Marg should be renamed as Brahmos Marg, CTI writes letter to PM बॉयकॉट तुर्की: अतातुर्क नहीं बह्मोस मार्ग; दिल्ली की सड़क का नाम बदलने को पीएम को लिखी चिट्ठी, Ncr Hindi News - Hindustan
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बॉयकॉट तुर्की: अतातुर्क नहीं बह्मोस मार्ग; दिल्ली की सड़क का नाम बदलने को पीएम को लिखी चिट्ठी

नए घटनाक्रम में पीएम आवास के पास लगे एक साइन बोर्ड को हटाने के लिए चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री द्वारा पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी गई है। यह साइन बोर्ड मुस्तफा केमाल अतातुर्क के नाम पर है, जो कि तुर्की के संस्थापक और प्रथम राष्ट्रपति थे।

Ratan Gupta हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 19 May 2025 02:46 PM
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बॉयकॉट तुर्की: अतातुर्क नहीं बह्मोस मार्ग; दिल्ली की सड़क का नाम बदलने को पीएम को लिखी चिट्ठी

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते गर्त में पहुंच गए हैं। इस हमले और जवाबी एक्शन के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। इस कारण भारत में तुर्की के खिलाफ भी आक्रोश देखा गया। नए घटनाक्रम में पीएम आवास के पास लगे एक साइन बोर्ड को हटाने के लिए चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री द्वारा पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी गई है। यह साइन बोर्ड मुस्तफा केमाल अतातुर्क के नाम पर है, जो कि तुर्की के संस्थापक और प्रथम राष्ट्रपति थे।

चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री द्वारा पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में मुस्तफा केमाल अतातुर्क मार्ग का नाम बदलकर ब्रह्मोस मार्ग रखने की बात कही गई है। चिट्ठी में बताया गया है कि बीते 30 साल से प्रधानमंत्री आवास के पास मुस्तफा केमाल अतातुर्क मार्ग का साइन बोर्ड लगा हुआ है मुस्तफा केमाल अतातुर्क तुर्की के संस्थापक और प्रथम राष्ट्रपति थे।

चिट्ठी में नाम बदलने की दलील देते हुए कहा गया है कि जिस तरह से तुर्की ने पिछले दिनों पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था, उसको लेकर पूरी दिल्ली और देश के लोगों में तुर्की के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। पीएम आवास के पास लगा यह साइन बोर्ड तुर्की के संस्थापक का महिमा मंडन करता है। इसलिए इसे तुरंत हटाया जाए। इसकी बजाय इस जगहका नाम ब्रह्मोस मार्ग रखा जाए, जिससे कि उस क्षेत्र में आने जाने वाले लोगों को हमारी सैन्य शक्ति की याद बनी रहे।

चिट्ठी में कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ तुर्की भी हमारा दुश्मन है। तुर्की सरकार को सख्त मेसेज जाना चाहिए। हम क्यों देश की राजधानी में प्राइम लोकेशन पर तुर्की के संस्थापक के नाम से साइन बोर्ड लगाकर सड़क का नाम रखें। आपको बताते चलें कि इससे पहले देश के कई राज्यों के व्यापारियों ने तुर्की से व्यापार कम या बंद करने का ऐलान किया था। इसमें मार्बल, सेव तथा अन्य फल जैसी वस्तुओं के आयात-निर्यात शामिल थे।