दिल्ली के दो लड़कों ने ऐसा लगाया दिमाग, उबर से हर दिन ठग लेते थे 40-50 हजार
ग्रेटर नोएडा में पकड़े गए दिल्ली के दोनों आरोपी उबर कंपनी को हर दिन 40-50 हजार रुपये का चूना लगा देते थे। महीने में 10 लाख रुपये से भी ज्यादा फर्जी तरीके से कमा रहे थे।

ग्रेटर नोएडा सेक्टर ईकोटेक-1 पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए कैब कंपनी की आईडी बनाकर ट्रैक्सी बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी उबर कंपनी को हर दिन 40-50 हजार रुपये का चूना लगा देते थे।
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि सेक्टर ईकोटेक-1 पुलिस की टीम ने मंगलवार की रात घरबरा अंडरपास से चेकिंग के दौरान कार में सवार दो बदमाशों को गिरफ्तार किया। उनकी पहचान मोहम्मद उमेर निवासी सुंदर नगरी दिल्ली और मुजफ्फर जमाल निवासी भजनपुरा दिल्ली के रूप में हुई। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी उबर टैक्सी कंपनी के साथ धोखाधड़ी करने वाले गिरोह से जुड़े हैं। वे फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए उबर कंपनी की आईडी बनाकर धोखाधड़ी करते थे।
21 मोबाइल और 500 फर्जी आधार मिले
पुलिस ने आरोपियों के पास से 21 मोबाइल, 500 फर्जी आधार कार्ड की फोटो कॉपी, एक पिट्ठू बैग, एक छोटा प्रिंटर, एक कार समेत अन्य सामान बरामद किया है। पूछताछ में पता चला है कि गिरोह में और भी कई लोग शामिल हैं। पुलिस गिरोह के सरगना और अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।
ऐसे बनाते थे फर्जी आधार कार्ड और लाइसेंस
आरोपी ऑनलाइन ऐप की मदद से एडिट करके कई फर्जी आधार कार्ड और ड्राइवर लाइसेंस तैयार करते थे। आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस पर गूगल लेंस की मदद से फोटो बदल दी जाती थी। वे एक आधार कार्ड में बदलाव कर 10 से अधिक आईडी तैयार कर लेते थे। ऐप के जरिए आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस में नाम, पता और फोटो बदलकर प्रिंटर से इसकी फोटो कॉपी निकाल लेते थे।
एक आरोपी 10वीं और दूसरा 12वीं पास
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में मुजफ्फर 12वीं पास है, जबकि उमेर दसवीं पास है। यह दोनों कम पढ़े लिखे होने के बावजूद नामी कंपनी को नुकसान पहुंचा रहे थे। दोनों आरोपी फर्जीवाड़ा कर कंपनी को रोजाना 40 से 50 हजार रुपये का नुकसान पहुंचा रहे थे। वे पिछले एक माह से इस तरह का फर्जीवाड़ा कर रहे थे। इससे साफ जाहिर होता है कि एक महीने में कंपनी को 10 लाख से अधिक का नुकसान पहुंचा चुके हैं।
कंपनी से भी पुलिस डाटा मांगेगी
ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी ने बताया कि इस संबंध में उबर कंपनी से भी संपर्क किया जाएगा। पकड़े गए आरोपियों का कंपनी से डाटा मांगा जाएगा।
खुद ही सवारी बनकर रकम हड़पते थे आरोपी
पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि उबर कंपनी में चालक की आईडी बनाई जाती है। इसके लिए वे फर्जी आधार कार्ड और फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल करते थे। कंपनी की आईडी बनने के बाद वे पहले छोटी-छोटी बुकिंग लेकर जाते थे। कुछ दिन बाद लंबी दूरी की बुकिंग लेते थे। इसके लिए वे खुद टैक्सी ड्राइवर बनते थे और खुद ही सवारी। फर्जी तरीके से लंबी दूरी की बुकिंग लेकर आरोपी कंपनी से रुपये ले लेते थे। इसके बाद उस आईडी को ब्लॉक कर देते थे। दरअसल, कंपनी द्वारा टैक्सी ड्राइवर को एडवांस में बुकिंग के रुपये दिए जाते है। इस रकम को वे हड़प लेते थे और तुरंत आईडी को ब्लॉक कर देते थे।