IGI एयरपोर्ट थाने में यात्री की पिटाई, जज को दिखाए जख्म; इंस्पेक्टर-डॉक्टर पर केस का आदेश
आईजीआई एयरपोर्ट थाने में फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा करने के आरोप में पकड़े गए यात्री की पिटाई के मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने यात्री की पिटाई के आरोपी इंस्पेक्टर सुमित यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

आईजीआई एयरपोर्ट थाने में फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा करने के आरोप में पकड़े गए यात्री की पिटाई के मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने यात्री की पिटाई के आरोपी इंस्पेक्टर सुमित यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उस डॉक्टर के खिलाफ भी केस दर्ज करने को कहा है जिसने मेडिकल में चोट के निशान नहीं होने की बात लिखी है।
गुजरात निवासी निशित कुमार राजेन्द्र भाई पटेल को बीते 5 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश किया गया था। उस पर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सफर करने का आरोप है। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर सुमित यादव ने उसकी 10 दिन की रिमांड मांगी थी। अदालत के समक्ष आरोपी ने बताया कि पुलिस हिरासत में उससे बुरी तरह मारपीट की गई है। अदालत ने उसे चैंबर में बुलाकर बातचीत की, तो उसने अपने शरीर पर मौजूद चोटें दिखाईं। इस पर अदालत ने पुलिस रिमांड की मांग ठुकराते हुए आरोपी को जेल भेज दिया। इसके साथ ही जेल अधिकारियों को कहा कि आरोपी का मेडिकल एम्स में कराया जाए।
इस मामले में 8 अप्रैल को हुई सुनवाई में पता चला कि जेल प्रशासन ने मेडिकल रिपोर्ट भेजी, लेकिन वह अदालत तक नहीं पहुंची। मेल पर मंगवाई गई मेडिकल रिपोर्ट में निशित के शरीर पर चोट के निशान की पुष्टि हुई। इस मामले में अदालत ने थाने की सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं। अदालत ने मारपीट में अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका जांचने के आदेश भी दिए हैं। विशेष आयुक्त परिवहन को इस आदेश का पालन करवाने के साथ मामले की निष्पक्ष जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।
मेडिकल काउंसिल को डॉक्टर की जांच के आदेश
पटियाला हाउस स्थित प्रणव जोशी की अदालत ने खुद आरोपी के शरीर पर चोट के निशान देखे। लेकिन पुलिस द्वारा पेश की गई मोडिकल रिपोर्ट में लिखा था कि उसके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं है। यह मेडिकल रिपोर्ट इंदिरा गांधी अस्पताल के डॉक्टर अमन गहलोत ने बनाई थी। अदालत ने डॉक्टर द्वारा की गई इस गड़बड़ी को लेकर उसके खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। मेडिकल काउंसिल को डॉक्टर के खिलाफ जांच करने के आदेश भी दिए गए हैं।
परिवार को नहीं दी सूचना
बीते 5 अप्रैल को अदालत में इंस्पेक्टर सुमित ने बताया कि आरोपी के रिश्तेदार जिग्नेश को गिरफ्तारी के बारे में बताया गया है। आरोपी ने अदालत को बताया कि उसके परिवार में जिग्नेश नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं। इस पर अदालत ने अधिवक्ता को उसके परिवार को सूचित करने के निर्देश दिए।