स्वागत सत्कार की यह कैसी सनक? गाजियाबाद में गिरफ्तार राणा ने आगरा में खूब किया फर्जीवाड़ा
ओमान का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेने वाला प्रोफेसर केएस राणा आगरा में भी इसी तरह से फर्जीवाड़ा कर चुका है। एक बार नहीं कई बार उनसे वीआईपी प्रोटोकॉल लिया और अपना खूब स्वागत सत्कार कराया।

खुद को ओमान का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेने वाला प्रोफेसर डॉ. केएस राणा गाजियाबाद में गिरफ्तार हो गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद फर्जीवाड़े की लंबी सूची सामने आ रही है। उसने आगरा में भी सरकारी सुख-सुविधाएं लेने के लिए फर्जी तरीके अपनाए। अपने रसूख और गलत पद बताकर वह वीआईपी प्रोटोकॉल लेकर घूमे और जगह-जगह स्वागत सत्कार कराया। आगरा में राणा की चकाचौंध अक्सर नजर आती थी। उनकी संपत्तियां भी कई शहरों में फैली हुई हैं।
25 सितंबर 2024 को डॉ. केएस राणा आगरा आए थे। उनके निजी सचिव ने प्रशासन को पत्र भेजा। इसके बाद उन्हें वीआईपी प्रोटोकॉल मिला। यहां सर्किट हाउस में उनके लिए एक सुइट आरक्षित किया गया था। कुछ सुरक्षाकर्मी उनके साथ रहे। डॉ. राणा का फतेहाबाद रोड स्थित उनके कृष्णा कॉलेज में स्वागत किया गया। इसमें जिले के गणमान्य लोग मौजूद रहे। उसके बाद नेशनल चैंबर के पदाधिकारियों ने भी उनका स्वागत किया। फिर स्वागत सत्कार के फोटो सोशल मीडिया पर डाले गए। दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में आगरा के कई नामी लोग बुलाए गए थे। एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें पत्र प्राप्त हुआ था। उसके आधार पर ही सुविधाएं दी गई थीं।
डॉ.राणा आगरा में फतेहाबाद रोड स्थित बमरौली कटारा के मजरा गढ़ी गया प्रसाद के रहने वाले हैं। वह आगरा में सेंट जौंस चौराहे के पास जाट हाउस में रहा करते थे। यहां उनके भाई पूर्व विधायक विजय सिंह राणा भी रहते थे। बाद में उनका नया ठिकाना धौलपुर हाउस में महाराजा मंजिल नाम की कोठी में बना। वहां विभिन्न राजनीतिक दलों के बड़े नेता हाजिरी लगाते थे। उसके बाद फिर ठिकाना बदला और सेंट जॉन्स कालेज के पास रहने लगे। कुछ समय तक यहां रहने के बाद दिल्ली चले गए। डॉ. राणा के आगमन के दौरान उनके ठाठ-बाट अलग ही दिखते थे। उनसे मिलने के लिए लोग सुबह ही घर पर पहुंच जाते थे।
यही नहीं डॉ. राणा को राजनीतिक रसूख के चलते कई बार महत्वपूर्ण पद मिलते रहे। विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से उनके प्रगाढ़ संबंध थे। जिनका उन्होंने फायदा उठाया। डॉ राणा विश्व मानवाधिकार आयोग काउंसिल और यूएनओ में पीस एंबेसडर नामित हुए।
डॉ. केएस राणा 2005 से जनवरी 2016 तक डॉ. बीआर आंबेडकर विवि आगरा में जंतु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष रहे। उसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार में विशेष सलाहकार के रूप में पहुंचे। उनके सौ से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। उनके निर्देशन में 40 से अधिक विद्यार्थी शोध कर चुके हैं।
औटा के अध्यक्ष रहे
डॉ.राणा आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ औटा के सबसे कम उम्र में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। आगरा कालेज की छात्र राजनीति में भी उनका काफी दखल रहा। वह छात्र संघ के संरक्षक पद के अलावा कई छात्रवासों के वार्डन भी रहे। उन्होंने 1976 में पारिस्थितिकी एवं वन्यजीव, कीट विज्ञान विषय से एमएससी, 1981 में पीएचडी, 1992 में एलएलएम एवं 1996 में डीएससी की उपाधि ली। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की दो पुस्तकों का उन्होंने हिन्दी रूपान्तरण किया। 1999 में आगरा में कृष्णा कॉलेज ग्रुप की स्थापना की।
नए खुलासे से हैरत में आगरा वाले
डॉ. राणा की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिलने के बाद आगरा के लोग हैरत में हैं। आगरा में जब तक वह रहे उनकी छवि एक शिक्षविद की रही। साथ ही राजनीतिक रूप से भी उनके विभिन्न दलों के बड़े नेताओं से संपर्क के कारण रसूख बढ़ा। लोगों का कहना है कि उन्होंने क्षेत्र के लोगों की मदद की। लेकिन आज जो जानकारी मिली है, वह चौंकाने वाली है।