पटना विजिलेंस की जहानाबाद में रेड, 40 हजार घूस लेते प्रखंड प्रमुख के पति समेत दो गिरफ्तार
जहानाबाद जिले के रतनी प्रखंड कार्यालय में विजिलेंस ने धावा बोलकर नाजिर और प्रखंड प्रमुख के पति को रंगे हाथों 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा। आरोपियों ने बीडीओ से बिल पास कराने की एवज में यह घूस ली थी।

बिहार के जहानाबाद जिले में गुरुवार को पटना से आई विजिलेंस टीम ने छापेमारी कर रिश्वत लेते दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) ने रतनी प्रखंड कार्यालय स्थित नाजिर के रूम में अचानक धावा बोल दिया। वहां मौजूद प्रखंड नाजिर दिनेश कुमार प्रभाकर और रतनी प्रखंड प्रमुख अशर्फी खातून के पति मोहम्मद बबन को 40 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा। नाजिर के पास से 15 हजार और प्रखंड प्रमुख के पति के पास से 25 हजार रुपये बरामद किए गए। विजिलेंस की इस कार्रवाई से प्रखंड नाजिर कार्यालय में अफरातफरी मच गई। छापेमारी टीम ने 4 डीएसपी समेत 16 सदस्य शामिल रहे।
इस छापेमारी दल नेतृत्व विजिलेंस पटना के डीएसपी पवन कुमार ने किया। इनके साथ डीएसपी राजन प्रसाद, शशि शेखर, श्यामबाबू के अलावा पीटीसी मणिकांत, रवि शेखर, अमित सिंह समेत 16 लोगों की टीम थी। रतनी प्रखंड नाजिर कार्यालय से दोनों को गिरफ्तार कर जहानाबाद परिसदन लाया गया। फिर टीम दोनों को अपने साथ ले गई। रिश्वतखोरी के इस मामले में निगरानी की टीम आगे की कार्यवाही में जुटी है।
बिल पास कराने की एवज में ली थी रिश्वत
छापेमारी का नेतृत्व कर रहे निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि इस केस के परिवादी प्रमोद कुमार हैं। उन्होंने 15वीं वित्त योजना की राशि से शकूराबाद के पोखवां गांव में वीरेंद्र शर्मा के खलिहान से लेकर बागेश्वरी स्थान तक पेवर ब्लॉक का कार्य किया था। 7,48,800 रुपये की लागत से निर्माण कार्य पूरा हो गया था। तत्कालीन बीडीओ ने भुगतान की स्वीकृति भी दे दी थी, लेकिन 1.58 लाख रुपये के भुगतान में आनाकानी की जा रही थी।
'बीडीओ और ऑपरेटर को भी पैसे देने हैं'
बताया जा रहा है कि बीते दो-ढाई साल से परिवादी प्रमोद कुमार परेशान थे। बिल का भुगतान बीडीओ से कराने की एवज में नाजिर ने 15 हजार और प्रखंड प्रमुख के पति ने 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। अधिकारी ने यह भी बताया कि परिवादी को कहा गया कि बीडीओ और ऑपरेटर को भी पैसे देने होंगे। इसके बाद प्रमोद कुमार ने विजिलेंस में शिकायत की। फिर निगरानी टीम ने दोनों आरोपियों को रंगे हाथों घूस लेते दबोच लिया। हालांकि, विजिलेंस को बीडीओ और ऑपरेटर के पास से घूस की कोई राशि नहीं मिली।