नीट पेपर लीक वाले दिन गुजरात में था संजीव मुखिया, अफसर के रिश्तेदार ने कराई थी डील
पिछले दिनों गिरफ्तार हुए नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड ने ईओयू से पूछताछ में बताया कि वह नीट-यूजी परीक्षा के दौरान गुजरात के गोधरा में था। जिस सेंटर से पेपर लीक उजागर हुआ, मुखिया उससे कुछ ही दूरी पर मौजूद था।

नीट पेपर लीक के सरगना संजीव मुखिया से बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के बाद सीबीआई पूछताछ करेगी। ईओयू से पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह पिछले साल नीट परीक्षा के पेपर लीक के दिन गुजरात में था। गोधरा के जिस एग्जाम सेंटर पर नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी, वह उससे महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर तैनात था। इसके अलावा, एक पुलिस अफसर के रिश्तेदार ने परीक्षार्थियों से पेपर की डील कराई थी।
5 मई 2024 को देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए नीट यूजी परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान गोधरा के जय जलाराम स्कूल स्थित एग्जाम सेंटर में जमकर धांधली की गई। गुजरात पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा, शिक्षक तुषार भट्ट, वडोदरा के शिक्षा सलाहकार परशुराम राय, उसके सहयोगी विभोर आनंद और दलाल आरिफ वोहरा को गिरफ्तार किया था।
इस केस के जानकार एक अधिकारी ने बताया कि विभोर आनंद मूलरूप से बिहार के लखीसराय जिले का रहने वाला है। उसे गुजरात पुलिस ने दरभंगा स्थित ससुराल से गिरफ्तार किया था। वह एक डीआईजी रैंक के पुलिस अफसर का रिश्तेदार है। शुरुआती जांच में सामने आया कि मास्टरमाइंड संजीव मुखिया उसके संपर्क में था। गोधरा नीट यूजी धांधली केस में संजीव पुलिस को गुजरात के अहमदाबाद पूछताछ के लिए लाया जा सकता है।
आरोपी विभोर आनंद स्टूडेंट्स और अभिभावकों से सीधे डील करता था और उन्हें परशुराम राय से मिलाता था। परशुराम वडोदरा में दूसरे देशों में पढ़ाई के लिए सलाह देने और वीजा फर्म चलाता है। जब अभ्यर्थी डील के लिए राजी हो जाते तो आनंद को कमीशन मिलता था। यह मामला तब उजागर हुआ, जब पंचमहल कलेक्टर को शिकायत मिली की स्कूल टीचर तुषार भट्ट नीट परीक्षा में धांधली करते हुए कुछ स्टूडेंट्स की मदद कर रहा है। कलेक्टर ने डीईओ को सूचना दी।
इसके बाद डीईओ पुलिस टीम के साथ एग्जाम से पहले स्कूल पहुंचे। पुलिस ने तुषार भट्ट को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसके मोबाइल फोन पर परशुराम रॉय की चैट पाई गई, जिसमें 16 स्टूडेंट्स (अधिकतर बाहरी) के रोल नंबर और एग्जाम सेंटर की जानकारी थी। भट्ट ने पुलिस को बताया कि इन सभी छात्रों से पेपर मुहैया कराने के नाम पर 10 लाख रुपये लिए गए थे।
दूसरी ओर, मूलरूप से नालंदा के रहने वाले संजीव मुखिया का नाम पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षा की गड़बड़ी में आ चुका है। बीपीएससी शिक्षक बहाली पेपर लीक और बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक में भी उसका नाम आया था। उसके बेटे शिव कुमार ने पटना के पीएमसीएच से एमबीबीएस की, वह डॉक्टर है। शिव भी पेपर लीक गिरोह से जुड़ा हुआ है और अभी जेल में बंद है। संजीव मुखिया बिहार, गुजरात के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में भी अपना नेटवर्क चलाता है।