1 मार्च से होने वाला है बड़ा बदलाव, म्यूचुअल फंड्स और डीमैट के लिए अब नॉमिनी जरूरी
- Rules Change 1 March: 1 मार्च 2025 से कई बदलाव देखने को मिलने वाले हैं। सबसे पहला बदलाव नॉमिनी की प्रणाली से जुड़ा है। नए नियमों के मुताबिक म्यूचुअल फंड और डीमैट खातों के लिए निवेशकों को अब नॉमिनी घोषित करना अनिवार्य होगा।
शनिवार, 1 मार्च 2025 से कई बदलाव देखने को मिलने वाले हैं। सबसे पहला बदलाव नॉमिनी की प्रणाली से जुड़ा है। नए नियमों के मुताबिक म्यूचुअल फंड और डीमैट खातों के लिए निवेशकों को अब नॉमिनी घोषित करना अनिवार्य होगा। निवेशक को खुद ही अपना नॉमिनी चुनना होगा और यह अधिकार पावर ऑफ अटॉर्नी धारकों के पास नहीं होगा।
अब निवेशक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो और डीमैट खाते में अधिकतम 10 नॉमिनी चुन पाएंगे। अभी एक या दो नॉमिनी के नाम देने की सुविधा है। इन सभी को संयुक्त खाताधारक के रूप में देखा जा सकता है या फिर अलग-अलग एकल खाते या फोलियो के लिए भी अलग-अलग नॉमिनी चुना जा सकता है। इससे निवेशक को ज्यादा विकल्प तो मिलेंगे ही, साथ ही साथ पारदर्शिता भी बढ़ेगी। 10 जनवरी को सेबी ने इस बाबत सर्कुलर जारी कर दिया था और अब एक मार्च से यह बदलाव देखने को मिलेंगे।
निवेशक ऑन-लाइन और ऑफ-लाइन दोनों तरीकों से अपने नॉमिनी के विवरण अपडेट कर सकेंगे। नए नियमों के मुताबिक निवेशकों को अब अपने नॉमिनी के ज्यादा विवरण देने होंगे, जिसमें पैन कार्ड नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस या उनके आधार के आखिरी चार नंबर शामिल होंगे। निवेशकों को इसके अलावा नॉमिनी पत्राचार विवरण और उसके साथ अपना रिश्ता भी बताना होगा। अगर नॉमिनी अव्यस्क है, तो ऐसी स्थिति में निवेशक को उसकी जन्मतिथि भी दर्ज करनी होगी।
यूपीआई से बीमा के प्रीमियम भुगतान में भी आसानी होगी
नई सुविधा के तहत पहली तारीख से यूपीआई के जरिए बीमा के प्रीमियम भुगतान में भी आसानी होगी। यूपीआई में बीमा संबंधित एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक अमाउंट यानी एबीएस सुविधा सभी को मिलने लगेगी। इस नई सुविधा से जीवन और स्वास्थ्य बीमा लेने वाले लोग प्रीमियम देने के लिए यूपीआई से जुड़े बैंक खाते में ही इसकी रकम को ब्लॉक करके रख सकेंगे।
यूपीआई के जरिए भुगतान स्वीकृति का मैसेज बीमाधारक को मिलेगा जिसे ओके करते ही बीमा के प्रीमियम की रकम खुद ब खुद स्थानांतरित हो जाएगी। इससे बीमाधारक को ये याद भी रहेगा कि अगला प्रीमियम उसे कब भरना है। साथ ही खाते में ऐन मौके पर बीमा प्रीमियम की रकम न होने की चिंता भी उसे नहीं रहेगी।