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बाजार में उतार-चढ़ाव से अलर्ट मोड में सरकार, PSU में हिस्सेदारी बेचने के प्लान में होगा बदलाव!

  • सरकार आने वाले महीनों में बाजार में जारी अस्थिरता के कारण केंद्रीय पब्लिक सेक्टर के उद्यमों (सीपीएसई) में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री के प्रति सतर्क रुख अपना सकती है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानTue, 25 March 2025 02:20 PM
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बाजार में उतार-चढ़ाव से अलर्ट मोड में सरकार, PSU में हिस्सेदारी बेचने के प्लान में होगा बदलाव!

शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। इस बीच, अब सरकार भी अलर्ट मोड में नजर आ रही है। दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार बाजार में जारी अस्थिरता के कारण केंद्रीय पब्लिक सेक्टर के उद्यमों (सीपीएसई) में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री के प्रति सतर्क रुख अपना सकती है। हालांकि, विनिवेश एजेंडे में बना हुआ है, लेकिन केंद्र बाजार की स्थितियों के आधार पर प्लांड सेल प्रपोजल (ओएफएस) को एक से दो महीने के लिए टाल सकता है। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "हम बाजार पर कड़ी नजर रख रहे हैं। मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए किसी भी हिस्सेदारी की बिक्री से पहले अधिक अनुकूल समय का इंतजार करना समझदारी है।"

क्या है डिटेल

सीएनबीसी-टीवी18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अपने विनिवेश लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी। निचले स्तर पर, अधिकांश सरकारी कंपनियों के शेयरों में 2024 में देखी गई ऊंचाई से 30% से 60% तक की गिरावट आई थी। वर्तमान में, सरकार चार पीएसयू बैंकों - यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक में कुछ हिस्सेदारी कम करने की प्रक्रिया में है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपनी संस्थागत शेयर बिक्री प्रक्रिया के माध्यम से ₹1,436 करोड़ जुटाए हैं, जबकि अन्य तीन बैंकों के लिए क्यूआईपी वर्तमान में खुले हैं।

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हालांकि, हिस्सेदारी बिक्री धीमी हो सकती है, लेकिन सरकार चालू वित्त वर्ष में सीपीएसई डिविडेंड से पर्याप्त लाभ की उम्मीद कर रही है। अनुमानों के अनुसार, सीपीएसई द्वारा 31 मार्च, 2025 तक सरकार सहित निवेशकों को लगभग ₹1.40 लाख करोड़ का डिविडेंड वितरित किए जाने की उम्मीद है। अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री में अपेक्षित मंदी के बावजूद, सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी रणनीतिक विनिवेश योजनाओं पर आगे बढ़ेगी, जिसमें चुनिंदा सीपीएसई में नियंत्रक हिस्सेदारी की बिक्री शामिल है। हालांकि, इन लेन-देन के बाजार में उतार-चढ़ाव से स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने की उम्मीद है।

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