फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में आई सुस्ती, 6 महीने के निचले स्तर पर आए आंकड़े
- फरवरी के महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर छह महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और पावर सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि सुस्त पड़ी है।

Index of Industrial Production data: देश के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार सुस्त हो गई है। इस साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर छह महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और पावर सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि सुस्त पड़ी है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में फरवरी 2024 में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-फरवरी के दौरान आईआईपी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 6.0 प्रतिशत थी।
क्या कहते हैं आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में सुस्त पड़कर 2.9 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 4.9 प्रतिशत थी। माइनिंग प्रोडक्शन वृद्धि इस महीने में 1.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले फरवरी महीने में 8.1 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2025 में पावर प्रोडक्शन की वृद्धि भी धीमी होकर 3.6 प्रतिशत पर रही जो एक साल पहले इसी महीने में एक साल पहले के 7.6 प्रतिशत थी।
कोर सेक्टर के आंकड़े
देश के आठ प्रमुख कोर सेक्टर की वृद्धि दर फरवरी में घटकर 5 महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। पिछले साल इसी महीने में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी। मासिक आधार पर इन उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में दर्ज 5.1 प्रतिशत की वृद्धि से कम रही। इससे पहले सितंबर में 2.4 प्रतिशत की न्यूनतम वृद्धि दर्ज की गई थी। फरवरी में कच्चा तेल तथा प्राकृतिक गैस उत्पादन की वृद्धि में गिरावट आई।
कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और बिजली की उत्पादन वृद्धि क्रमशः 1.7 प्रतिशत, 0.8 प्रतिशत, 5.6 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत रही। फरवरी 2024 में यह 11.6 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत, 9.4 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत थी। हालांकि, समीक्षाधीन महीने में उर्वरक तथा सीमेंट उत्पादन में क्रमश: 10.2 प्रतिशत और 10.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।