भारतीय टीम में अब होंगे इतने कप्तान, हेड कोच गौतम गंभीर ने दे दिया बड़ा हिंट
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि वह भारतीय टीम में तीनों टीमों के लिए अलग-अलग कप्तान के पक्ष में नहीं है। लेकिन मौजूदा समय को देखते हुए वह दो कप्तान चाहते हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम पिछले कुछ सालों से बदलाव के दौर से गुजर रही है। हाल ही में अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर भारतीय टीम को मझधार में छोड़ दिया है, क्योंकि टीम को अब भी इन खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट का इंतजार है और शायद इनकी जगह भरने में टीम को कई साल लग जाएं। रोहित और कोहली ने टी20 और टेस्ट से संन्यास ले लिया है, ऐसे में तीनों फॉर्मेट के लिए भारतीय टीम को अलग-अलग कप्तान चुनने की मजबूरी बन गई है। हालांकि भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर इसके पक्ष में नहीं हैं और वह भारतीय टीम में सिर्फ एक कप्तान देखना चाहते हैं।
एमएस धोनी और विराट कोहली के लगातार तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करने के बाद रोहित शर्मा ने टीम की कमान संभाली लेकिन वह नियमित टीम के साथ नहीं रहे और इस वजह से तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों के अंदर कई कप्तान आजमाएं लेकिन कोई उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि वह तीन इंटरनेशनल फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तानी के पक्ष में नहीं हैं और ‘आदर्श रूप से’ एक लीडर को प्राथमिकता देंगे। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा हालात (अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर) को देखते हुए ये संभव नहीं है। गंभीर ने ये भी कहा है कि आदर्श रूप से वह टीम में दो कप्तान देखना चाहते हैं।
इस समय सूर्यकुमार यादव टी20 टीम के कप्तान हैं, जबकि रोहित वनडे टीम की कमान संभाल रहे हैं। टेस्ट टीम के लिए नए कप्तान का ऐलान कल होने वाला है। गौतम गंभीर ने सीएनएन-न्यूज18 से कहा, ''बतौर कोच अगर आप मुझसे पूछेंगे, एक व्यक्ति के साथ काम करना आसान है, अगर वह तीनों फॉर्मेट का एक कप्तान हो। मैं आदर्श रूप से कह रहा हूं, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता क्योंकि आपको समझना होगा कि आज के दौर में एक कप्तान साल में 12 महीने कप्तानी नहीं कर सकता क्योंकि आप 10 महीने इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं और फिर दो महीने आईपीएल खेलते हैं।''
उन्होंने आगे कहा, ''इसलिए, कल्पना कीजिए, जो भी भारतीय टीम की कप्तानी कर रहा है वो निश्चित तौर पर फ्रेंचाइजी की कप्तानी भी करेगा। एक युवा खिलाड़ी को साल में 12 महीने टीम की कप्तानी सौंपने से उसकी मानसिक स्थिति और उसके खेल पर बहुत बुरा असर डालता है। इसलिए आदर्श रूप से एक, लेकिन आज के समय में बेहतर है कि दो हो क्योंकि जाहिर है कि दबाव वास्तव में दो लोगों के बीच बांटा जा सकता है।'