डायबिटीज में भी चावल खाना चाहते हैं तो जान लें आयुर्वेदिक तरीके से पकाने का तरीका
Ayurvedic method of cooking rice: बढ़े हुए वजन से लेकर डायबिटीज में चावल खाना है तो सीख ले आयुर्वेदिक तरीके से पकाने का तरीका। चावलों को पकाने का ये तरीका वात, पित्त और कफ से भी राहत दे सकता है।

चावल को काफी सारे लोग अनहेल्दी मानते हैं और जब भी मोटापा कम करने की सोचते हैं तो सबसे पहले चावल खाना छोड़ देते हैं। इसका कारण है चावल को गलत तरीके से पकाना। अगर चाहते हैं कि चावल आसानी से पचने के साथ ही सेहत के लिए भी नुकसानदायक ना हो तो पकाने का सही तरीका जरूर पता होना चाहिए। ब्राउन, रेड या फिर व्हाइट किसी भी राइस को इस आयुर्वेदिक तरीके से पकाकर खाने पर ये ना केवल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है बल्कि डायबिटीज और मोटापे जैसी समस्या में भी खाया जा सकता है। चावल को पकाने का आयुर्वेदिक तरीका सोशल मीडिया पर योगा टीचर ज्योति ने शेयर किया है। चलिए जानें कैसे आयुर्वेदिक तरीके से चावल को पकाएं।
सही चावल चुनें
सबसे पहले सही चावल को चुनना जरूरी है। पोषक तत्वों और न्यूट्रिशन के लिए लगभग एक साल पुराने चावल को खाना अच्छा होता है। वहीं ब्राउन, रेड या फिर बासमती चावल में से किसी एक को चुनें।
चावल को भिगोना जरूरी है
आयुर्वेद में बताए तरीकों से चावल पकाकर खाना हेल्दी होता है। सबसे पहले चावल को कम से कम आधा घंटा और ज्यादा से ज्यादा एक घंटा तक भिगोकर रखना चाहिए। ऐसा करने से ना केवल कुकिंग टाइम कम होता है बल्कि डाइजेस्ट भी आसानी से हो जाता है। चावल को भिगोने से उसके एंजाइम्स और न्यूट्रिएंट्स एक्टीवेट हो जाते हैं।
ज्यादा पानी में पकाएं
ट्रेडिशनल चावल को हमेशा ज्यादा पानी में पकाया जाता है। पकने के बाद एक्स्ट्रा पानी को बाहर निकाल दिया जाता है। जिससे चावल में मौजूद स्टार्च और हैवीनेस बाहर निकल जाए और ये पचने में आसान हो जाए। आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों को कफ और टॉक्सिसिटी की प्रॉब्लम रहती है उन्हें ये चावल फायदा पहुंचाता है।
प्रेशर कुकर में पकाने से बचें
आयुर्वेद के अनुसार भोजन में प्राण और एनर्जी होती है। जब हम उसे प्रेशर कुक करते हैं तो अन्न की ये खूबियां खत्म हो जाती हैं। इसलिए चावल को हल्का उबालना चाहिए और प्रेशर कुकिंग से बचना चाहिए।
चावल में मिलाएं मसाले
चावल के गुण को बढ़ाने के लिए इसमे मसालों को मिलाकर पकाना अच्छा होता है। जैसे हल्दी, अदरक, तेजपत्ता, इलायची। वात दोष के लिए चावल में जीरा, हींग और घी के साथ अदरक मिलाना अच्छा होता है।
वहीं पित्त दोष के लिए चावल में कूलिंग प्रॉपर्टीज बढ़ाना अच्छा होता है। इसके लिए सौंफ, धनिया और इलायची को चावल में डालकर पकाएं।
जबकि कफ दोष के लिए शरीर में गर्मी बढ़ाने वाले मसाले जैसे काली मिर्च,सरसों के दाने और हल्दी मिलाकर पकाना चाहिए।
चावल को हमेशा ताजा खाएं
आयुर्वेद के अनुसार चावल को हमेशा ताजा और गर्म खाना चाहिए। ऐसा चावल डाइजेशन में आसान होता है। वहीं ठंडा, बासी और फ्रिज में रखे चावल को खाना अवॉएड करना सही है।
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