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NEP भगवा नीति, इससे भारत का नहीं; सिर्फ हिन्दी का विकास; डाह में क्या-क्या बोल गए CM स्टालिन

स्टालिन ने कहा कि हम NEP का विरोध करते हैं, क्योंकि यह शिक्षा क्षेत्र में तमिलनाडु की प्रगति को पूरी तरह से नष्ट कर देगी। उन्होंने दावा किया कि NEP आरक्षण स्वीकार नहीं करती, जो सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

Pramod Praveen एएनआई, तिरुवल्लूर (तमिलनाडु)Wed, 12 March 2025 09:57 PM
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NEP भगवा नीति, इससे भारत का नहीं; सिर्फ हिन्दी का विकास; डाह में क्या-क्या बोल गए CM स्टालिन

Tri Language Row: भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को आरोप लगाया कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) एक भगवा नीति है, जिसका मकसद हिंदी को बढ़ावा देना है। स्टालिन ने कहा कि यह नीति भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास के लिए बनाई गई है। इसके साथ ही उन्होंने एनईपी को "भगवाकरण की नीति" करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को नष्ट कर देगी।

तिरुवल्लूर में एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा नीति नहीं है, यह भगवाकरण की नीति है। यह नीति भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास के लिए बनाई गई है। हम इस नीति का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से नष्ट कर देगी।" स्टालिन ने केंद्र सरकार पर एनईपी को स्वीकार करने के लिए राज्यों को मजबूर करने और पीएम श्री फंड रोकने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "हम आपसे अपने चुकाए टैक्स में हिस्सा मांग रहे हैं। इसमें क्या समस्या है? क्या 43 लाख स्कूलों के कल्याण के लिए धन जारी किए बिना धमकी देना उचित है? चूंकि हमने एनईपी को स्वीकार नहीं किया, इसलिए वे तमिलनाडु के लिए धन जारी करने से इनकार कर रहे हैं। अगर यह सभी को शिक्षा के दायरे में लाता तो हम इस योजना का स्वागत करते लेकिन क्या एनईपी ऐसी ही है? एनईपी में वे सभी कारक हैं जो लोगों को शिक्षा से दूर रखते हैं। यह नीति ऐसी ही है इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।"

आरक्षण विरोधी है नई शिक्षा नीति: स्टालिन

स्टालिन ने कहा, ‘‘हम एनईपी 2020 का विरोध करते हैं, क्योंकि यह शिक्षा क्षेत्र में तमिलनाडु की प्रगति को पूरी तरह से नष्ट कर देगी।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि एनईपी ‘‘आरक्षण को स्वीकार नहीं करती, जो सामाजिक न्याय के खिलाफ है।’’ द्रमुक प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर जाति आधारित शिक्षा लागू करने का प्रयास कर रही है।

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बता दें कि विवाद के केंद्र में एनईपी का तीन-भाषा फॉर्मूला है। तमिलनाडु को डर है कि इस फॉर्मूला के जरिए केंद्र सरकार राज्य पर जबरन हिन्दी थोपना चाहती है, जबकि राज्य में लंबे समय से दो-भाषा फॉर्मूला जारी है। स्टालिन ने तर्क दिया कि नई शिक्षा नीति क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी को प्राथमिकता देती है, जिससे राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु ने ऐतिहासिक रूप से दो-भाषा नीति अपनाई है, जिसमें तमिल और अंग्रेजी प्राथमिक भाषाएं हैं।

अपना दबदबा बढ़ाना चाहती है भाजपा: स्टालिन

उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय क्षेत्रों के प्रस्तावित परिसीमन के जरिये अपने दबदबे वाले उत्तरी राज्यों में सीटों की संख्या बढ़ाकर अपनी सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही है।स्टालिन ने केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए आयोजित एक जनसभा में आरोप लगाया कि भाजपा अपने दबदबे वाले राज्यों में अपने सांसदों की संख्या बढ़ाने तथा इस तरह पार्टी को और मजबूत करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) भाजपा के इस प्रयास को विफल कर देगी।