बिहार में 400 लोग बने बंधक, कंपनी में पड़ी पुलिस की रेड; नाबालिग भी कराए गए आजाद
- इन केंद्रों से 400 युवक-युवतियों को मुक्त कराकर कंपनी के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। मुक्त कराए गए लोगों में 60 नाबालिग व पांच लड़कियां हैं। नाबालिगों को स्थानीय बाल गृह में रखा गया है। पुलिस टीम पीड़ितों का बयान ले रही है।

बिहार के मोतिहारी जिले में 400 लोगों को बंधक बना लिया गया। डीबीआर नेटवर्किंग मार्केटिंग कंपनी की रक्सौल शाखा में नौकरी के नाम पर बंधक बनाकर मारपीट व प्रताड़ना के शिकार 400 युवक-युवतियों को शनिवार को एसएसबी व पुलिस ने मुक्त कराया है। व्हाट्सएप पर मिली शिकायत के बाद एक निजी संस्थान के सहयोग से एसएसबी और पुलिस ने रक्सौल के अलग-अलग मोहल्लों में संचालित आठ ठिकानों पर छापेमारी की।
इन केंद्रों से 400 युवक-युवतियों को मुक्त कराकर कंपनी के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। मुक्त कराए गए लोगों में 60 नाबालिग व पांच लड़कियां हैं। नाबालिगों को स्थानीय बाल गृह में रखा गया है। पुलिस टीम पीड़ितों का बयान ले रही है। इसके आधार पर पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।
मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि कंपनी में नौकरी के नाम पर बुलाए गए नेपाल, यूपी और बिहार के विभिन्न जिलों के 400 लोगों को बंधक बनाया गया था। पीड़ितों को दवा कंपनी में मार्केटिंग की नौकरी का झांसा देकर रक्सौल बुलाया गया था। उनसे शुरुआत में फॉर्म भरवाए गए थे। कंपनी द्वारा बंधक बनाने के बाद पीड़ितों से नौकरी के लिए परिजनों से रुपये मंगवाने, कंपनी से अन्य लोगों को जोड़ने के लिए प्रेरित करने व ब्रेन वॉश करने जैसी बातें सामने आ रही हैं।
छोटे-छोटे रूम में कई-कई पीड़ितों को बंधक बनाकर रखा गया था। पूछताछ में जानकारी मिली है कि इस कंपनी का सूबे के कई जिलों में इसी तरह का गोरखधंधा चल रहा है। इसमें गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली समेत कई जगहों पर कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज हैं। डीबीआर नेटवर्किंग के ठिकानों पर डीएसपी धीरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में एसएसबी 47 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट दीपक कृष्ण, असिस्टेंट कमांडेंट नेहा सिंह, रजत मिश्रा व सचिन कुमार ने छापेमारी की।
टीम में रक्सौल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजीव नंदन सिन्हा, एसआई एकता सागर, नेहा कुमारी, अनिता कुमारी, पीएसआई अंशुलि आर्या, पीएसआई रवि कुमार, बाल श्रम अधिकारी आदापुर राजीव कुमार, बाल श्रम अधिकारी सुगौली दिवाकर प्रसाद व एसएसबी सहित पुलिस बल थे।
दो साल पहले रक्सौल में कंपनी पर यौन हिंसा का हुआ था केस
डीबीआर में नौकरी के नाम पर बंधक बनाई गई युवतियों के साथ यौन हिंसा का भी मामला सामने आ चुका है। रक्सौल थाने में कंपनी के खिलाफ झारखंड के दुमका इलाके की आदिवासी मूल की युवती ने 14 मई 2023 को एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने रात में बेहोशी की दवा देकर नाजायज संबंध बनाने का भी आरोप लगाया था। इस केस में पुलिस की जांच अभी लंबित है।
इसी तरह का एक केस मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में सारण की पीड़िता ने दर्ज कराई थी, जिसमें रक्सौल सेंटर संचालक एनामुल हक को नामजद आरोपित बनाया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार को रक्सौल में हुई छापेमारी में मुक्त हुए पीड़ितों ने भी एनामुल का नाम लिया है।