RBI के इस ऐलान के बाद गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट
- RBI Policy Impact: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के एक ऐलान के बाद गोल्ड लोन कंपनियों मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड के शेयरों में बुधवार, 9 अप्रैल को 10% तक गिरावट दर्ज की गई।
गोल्ड लोन कंपनियों मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड के शेयरों में बुधवार, 9 अप्रैल को 10% तक गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के उस ऐलान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही गोल्ड लोन से जुड़े व्यापक दिशा-निर्देश जारी करेगा।
गवर्नर ने अपने भाषण में कहा, "सोने के गहनों को गिरवी रखकर दिए जाने वाले लोन (Gold Loan) बैंकों और एनबीएफसी जैसे विनियमित संस्थानों द्वारा दिए जाते हैं। इनका उपयोग खपत और आय उत्पादन दोनों उद्देश्यों के लिए होता है। अलग-अलग संस्थाओं की जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए, हम गोल्ड लोन से जुड़े प्रावधानों और आचार संहिता पर व्यापक नियम जारी करेंगे।"
इस ऐलान का सीधा असर गोल्ड लोन पर निर्भर कंपनियों के शेयरों पर पड़ा। मुथूट फाइनेंस के लिए गोल्ड लोन कंपनी की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) का 98% हिस्सा है। वहीं, मणिप्पुरम फाइनेंस का 50% और आईआईएफल फाइनेंस का 21% AUM गोल्ड लोन से आता है।
शेयरों में भारी गिरावट
मुथूट फाइनेंस के शेयर सुबह सवा 11 बजे के करीब 10% गिरकर ₹2,063 पर पहुंच गए। वहीं, आईआईएफल फाइनेंस के शेयर 6.66% गिरकर ₹311.25 पर आ गए। यह शेयर अपने 52-हफ्ते के उच्च स्तर ₹560 से काफी नीचे चल रहा है। मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर करीब 3% टूटकर ₹222.33 पर हैं। यह स्टॉक अभी फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O) बैन की सूची में है, यानी इस स्टॉक में नई पोजीशन नहीं ली जा सकती।
नए नियमों का असर क्यों?
विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों से गोल्ड लोन कंपनियों के लिए कर्ज देने की प्रक्रिया सख्त हो सकती है। इससे उनकी कमाई पर दबाव पड़ सकता है, खासकर उन कंपनियों पर जिनका बिजनेस मुख्य रूप से गोल्ड लोन पर निर्भर है। मुथूट जैसी कंपनियों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है।
ग्राहकों के हितों की होगी सुरक्षा
निवेशकों को लगता है कि नए नियमों के बाद गोल्ड लोन का बाजार सिकुड़ सकता है या इन कंपनियों की लागत बढ़ सकती है। इसी डर के चलते इन शेयरों में बिकवाली देखी गई। हालांकि, आरबीआई का उद्देश्य गोल्ड लोन सेक्टर में पारदर्शिता और जोखिम प्रबंधन को बढ़ाना है, ताकि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा हो सके।